केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने आंकड़े जारी करते हुए कहा कि चालू गन्ना पिराई सत्र 2017-18 (अक्टूबर से सितंबर) में किसानों का बकाया पिछले साल की तुलना में कम है। आंकड़ों के अनुसार इस सीजन में अब तक 7826 करोड़ रूपए ही किसानों का चीनी मिलों पर बकाया है जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह राशि 8982 करोड़ रूपए थी।
खाद्य मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस वर्ष चीनी के उत्पादन में बढ़ोत्तरी और कीमतों में गिरावट के बावजूद केंद्र व राज्य सरकारों की ओर से उठाए गए कदमों के कारण मिलों पर किसानों का बकाया पिछले साल की तुलना में कम है। मंत्रालय के अनुसार इस समय गन्ने की पिराई जोरों पर है। वहीं मिलें चीनी बेचकर गन्ने के दाम का भुगतान किसानों को कर रही हैं।
मंत्रालय के अनुसार एफ.आर.पी के आधार पर पिछले सीजन के 99.9 प्रतिशत गन्ने के दाम का भुगतान हो चुका है और बची हुई राशि महज 52 करोड़ रूपए बच गई है जबकि एस.एम.पी के आधार पर 1076 करोड़ रूपए बची हुई है। सरकार के मुताबिक इस साल पिछले साल की तुलना में 25 प्रतिशत की बढ़त के साथ चीनी का उत्पादन 250 लाख टन रह सकता है।
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