जन किसान आंदोलन के मुताबिक चना उत्पादक किसान इस बार भारी नुकसान उठाने वाले हैं। इसका कारण उन्हें उत्पादन के फलस्वरूप न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार द्वारा न दिया जाना है। यह आंकड़ा इस बार चना के उत्पादन एवं 1110 लाख क्विंटल एवं उसके 4400 रुपए प्रति क्विटंल के समर्थन के अनुसार लगाया गया है। दरअसल जन किसान आंदोलन ने एमएसपी के आंकलन के लिए एक कैल्कुलेटर प्रणाली बना रखी है जो कि यह बता रहा है कि बाजार में एमएसपी से नीचे चना बेचने पर 6170 करोड़ का नुकसान होगा।
दावा किया जा रहा है सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य से केवल 424.4 लाख क्विंटल की ही खरीद की है जबकि इसके अतिरिक्त किसानों ने एमएसपी से कम मूल्य पर बाजारों में बिक्री किया है।
जन किसान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक अविक साहा ने कहा कि यदि किसानों को एमएसपी के नीचे उत्पाद को बेचना पड़ेगा तो ऐसे में उन्हें हमेशा नुकसान उठाना पड़ेगा। खाद्य सुरक्षा के लिए भी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना चाहिए। उल्लेखनीय है कि किसानों को एमएसपी समस्या से निजात दिलाने के लिए यह जन किसान आंदोलन जो कि स्वराज अभियान के मुखिया योगेंद्र यादव द्वारा शुरु किया गया था।
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