केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने काली मिर्च के उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए काली मिर्च के न्यूनतम आयात मूल्य के रूप में प्रति किलो 500 रुपये का सीआईएफ (लागत, बीमा एवं माल भाड़ा) मूल्य तय करने संबंधी मसाला बोर्ड के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
हाल के महीनों में अन्य देशों से काली मिर्च के सस्ते आयात के कारण काली मिर्च के घरेलू मूल्य में आई गिरावट काली मिर्च के उत्पादकों के बीच भारी चिंता का विषय रही है। पिछले एक साल में काली मिर्च के मूल्यों में लगभग 35 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है और इस वजह से काली मिर्च के उत्पादकों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
चूंकि ज्यादातर काली मिर्च उत्पादक देश आसियान क्षेत्र में अवस्थित हैं, इसलिए साफ्टा और आईएसएलएफटीए के तहत रियायती आयात शुल्क का लाभ उठाने के लिए इन देशों की काली मिर्च को श्रीलंका के जरिए भारत में लाए जाने की भी आशंकाए हैं। किसान संगठनों ने कठोर कदम उठाए जाने की मांग की है, जिसमें काली मिर्च का न्यूनतम आयात मूल्य (एमआईपी) तय करना भी शामिल है, ताकि अन्य देशों से भारत में काली मिर्च के सस्ते आयात पर लगाम लगाई जा सके।
न्यूनतम आयात मूल्य तय करने से खासकर ऐसे समय में घरेलू मूल्य को बेहतर करने में मदद मिलेगी जब काली मिर्च की फसल का कटाई सीजन काफी तेजी से निकट आता जा रहा है।
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