कोल्ड स्टोर में आलू के भंडारण का असर इसकी कीमतों पर देखा जा रहा है। कोल्ड स्टोर से मांग बढऩे से मंडियों में आलू की आवक कम हो गई है, जिससे कीमतों में तेजी देखी जा रही है। कारोबारियों के मुताबिक आने वाले दिनों में आलू की कीमतों में आ रही तेजी थम सकती है क्योंकि बीते दो साल से आलू भंडारण में घाटा होने के कारण आलू किसान व कारोबारी बड़े पैमाने पर भंडारण करने से हाथ पीछे खींच सकते हैं।
राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान व विकास प्रतिष्ठान (एनएचआरडीएफ) के अनुसार बीते दो सप्ताह के दौरान प्रमुख उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश की आगरा मंडी में आलू की थोक कीमत 340-550 रुपये से बढ़कर 480-700 रुपये, दिल्ली की आजादपुर मंडी में कीमत 240-700 रुपये से बढ़कर 280-900 रुपये, कोलकाता मंडी में कीमत 500-540 रुपये से बढ़कर 760-800 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। दो सप्ताह पहले आगरा मंडी में आलू की आवक 15 से 25 हजार रोजाना हो रही थी, जो अब घटकर 12 हजार क्विंटल से नीचे चली गई है।
कारोबारियों के मुताबिक आलू की कीमतों में आ रही तेजी आने वाले दिनों में थम सकती है। शर्मा ने कहा बीते दो साल से आलू का भंडारण करने पर आलू किसान और कारोबारियों को नुकसान हो रहा है। इस समय आलू के भाव भी ऊंचे हैं। बीते वर्षों में घाटे के चलते किसान आलू उधारी पर बेचने को तैयार नहीं हैं, वहीं घाटे की मार झेल चुके कारोबारी भी पैसा फंसाना नहीं चाहते।
ऐसे में आगे कोल्ड स्टोर में आलू जाने की रफ्तार सुस्त पडऩे से मंडियों में आवक बढ़ सकती है, जिससे आलू के दाम गिर सकते हैं। सरकारी अनुमान के मुताबिक वर्ष 2017-18 में करीब 493 लाख टन आलू पैदा होने का अनुमान है, जो वर्ष 2016-17 के 486 लाख टन उत्पादन से करीब 2 फीसदी अधिक है।
Share your comments