केंद्र सरकार द्वारा गन्ना किसानों को सब्सिडी के तौर पर दिए जाने वाले अनुदान के लिए कई चीनी मिलें योग्य नहीं होगी। दरअसल, गन्ना बकाया लगभग 20 हजार करोड़ पहुंच जाने के कारण चीनी मिलों को भुगतान करने में मुश्किलें आ रहीं है। जिसके लिए सरकार ने सब्सिडी के तौर पर 5.5 रुपए प्रति क्विंटल देने का फैसला लिया है जिसके फलस्वरूप गन्ना किसानों को उनके खाते में सीधे राशि भेजी जाएगी। इससे चीनी मिलों को बकाया भुगतान के लिए कुछ हद तक राहत मिलेगी।
इस दौरान कुछ चीनी मिलें, खाद्द एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की शर्तों पर ना खरा उतर पाने के कारण उन्हें यह वित्तीय सहायता नहीं मिलेगी। इस दौरान इस्मा का मानना है कि विभाग द्वारा दी गई शर्तें मार्च और फरवरी पूरी करना मुश्किल था। यदि स्टाक लिमिट की बात करें तो बंपर उत्पादन के मद्देनज़र कुछ चीनी मिलों के सामने भंडारण की समस्या थी। ऐसे में 40 प्रतिशत चीनी मिलों को इस दायरे से बाहर रखना उचित नहीं है। यह बीते हुए समय की धारणा पर लिया गया फैसला है।
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