हरियाणा के राजेश ग्रेवाल ने स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद मार्केटिंग विभाग में सरकारी नौकरी मिल गई। लेकिन इसी बीच ऑनलाइन पर राजीव दीक्षित की आधुनिक कृषि के बारे में एक वीडियो मिल गई। वीडियो को देखने के बाद मल्टी खेती करने का मन हुआ। कई कृषि विशेषज्ञों की सलाह ली। इसके बाद साल 2013 में सरकारी नौकरी छोड़ गांव खरावड़ में एक एकड़ जमीन 15 हजार रूपये सालाना किराये पर 20 साल के लिये ले खेती शुरू कर दी। एक एकड़ में पपीता(इंडसम), तरबूज(नामधारी 23) गेंदा(लड्डू) व स्वीटकॉन का रोपण किया।
पपीता का पौधा 20 रूपये के हिसाब से खरीदा गया और 700 पौधे एक एकड़ में रोपे गये। तरबूज का बीज 5 हजार रूपये का लाकर डाला गया। गेंधा का बीज 3 हजार रूपये का आया तो स्वीटकॅान का 2300 रूपये का आया। पूरे साल में 10 टै्रक्टर की ट्राली गाय का गोबर गऊशाला से 1800 रूपये प्रति ट्राली खरीद खेत में डाला गया। पपीता का पौधा 8बाई8 की दूरी पर लगाया गया। बीच में पड़ी खाली जगंह पर तरबूज की बेल, गेंदा व स्वीटकॉर्न को लगाया गया। पूरे साल में गाय के गोबर की 10 ट्राली खाद एक एकड़ में डाली गई। टपका विधि द्वारा पानी की सिंचाई का तरीका अपनाया। प्रथम वर्ष राजेश को सभी खर्च निकालने के बाद करीब 2 लाख रूपये का लाभ हुआ। इसके बाद साथ में लगती 3 एकड़ खेती की जमीन को भी लीज पर 20 साल के लिया।
1 एकड़ से कमा रहे हैं 4 लाख सालाना
राजेश के अनुसार वह इस समय 8 एकड़ पर मल्टी खेती कर रहा है। एक एकड़ से सालाना 4 लाख रूपये तक का लाभ हो रहा है। जब उसने सरकारी नौकरी छोड़ी तो परिवार वाले काफी नाराज हुए थे । लेकिन आज उसकी जीवन शैली को देख अन्य किसानों का भी रूझान मल्टी खेती की तरफ हो रहा है। उसके पास अपनी स्वंय की 7 एकड़ जमीन हो चुकी है।
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