पंजाब के खेतों में किसानों को अब महिलाएं खेती का ज्ञान देंते दिखाई दे सकती हैं। सरकार की तरफ से गठित किसान आयोग ने अपनी ड्रफ्ट पॉलिसी में इस बात पर जोर दिया है कि खेती से संबंधित सभी सरकारी विभागों में होने वाली नई नियुक्तियों में महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण दिया जाए। आयोग की बात पर सरकार विचार कर रही है क्योंकि आयोग किसान समस्याओं को सुलझाने के लिए हमेशा प्रयासर्त रहती है। हालांकी पंजाब दश में सबसे ज्यादा अन्न पैदा करने वाला राज्यमाना है लेकिन, महिलाओं की रूची यहां खेती में कभी ज्यादा देखने को नहीं मिली।
पंजाब की महिलाओं का खेती का ज्ञान तो है मगर पर सरकारी विभागों में उनकी गिनती मात्र 10 फीसद भी नही है। हालांकि, कई ऐसी महिला किसान यहां पर खेती के जरिए नाम कमा चुकी हैं। लुधियाना के बेबे गुरनाम कौर मेमोरियल एजुकेशन ट्रस्ट की तरफ से वर्ष 2016 में पंजाबी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रहे ज्ञान सिंह के नेतृत्व में आधा दर्जन प्रोफेसरों की टीम ने पंजाब के खेतों में महिलाओं की स्थिति पर सर्वे किया था। यह सर्वे पंजाब के अलग-अलग जगह से 1017 परिवारों पर सर्वे किया गया था। जो इस प्रकार हैं मानसा व फतेहगढ़ साहिब के 408, माझा के 349, और दोआबा के जालंधर में 260 परिवारों पर यह सर्वे किया गया जिसमें ये सामने आया था की इन परिवारों की ज्यादातर महिलाएं खेतों में काम करती हैं।
पंजाब में सरकार महिला किसानों को भी बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। ओर सरकार ने चुनाव के वक्त अपने घोषणा पत्र में इस बात का जिक्र भी किया था और वो इस सुझाव पर अमल भी कर सकती है।
जिम्मी
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