राजस्थान के मरुस्थल में कभी कोई सोच नहीं सकता था कि अनार की खेती से किसान इतना उत्पादन करेंगे कि वह अनार का निर्यात भी कर सकेंगे। लेकिन यह कहानी बाड़मेर के किसानों ने अनार की खेती से कर दिखाया है। बताते हैं कि बालतोरा के किसानों ने अनार का पहला प्लांट लगाया था। जिसके बाद अनार पूरे इलाके में छा गए। इस दौरान अनार की गुणवत्ता व स्वाद के कारण पूरे क्षेत्र में चर्चा हो गई। यहां कि अनार खेती के लिए जलवायु अनुकूलता के कारण अनार में रोग भी कम फैलते हैं।
अब अनार की खेती राज्य में बड़े स्तर पर हो रही है। आंकड़ें तो कह रहे हैं कि अनार की खेती अब 4500 हैक्टेयर में की जा रही है। जिससे 135 करोड़ का अनार का उत्पादन हो रहा है। किसानों की इस बड़ी कोशिश को आज देश सलाम कर रहा है क्योंकि अच्छे उत्पादन के साथ-साथ किसानों ने अच्छे से अनार की फसलोपरांत बिक्री के लिए प्रबंध किया जो कि देश में किसानों के लिए एक उदाहरण है।
जहां एक ओर किसानों ने बाड़मेर को राज्य में अनार खेती के लिए पहला स्थान दिलाया तो वहीं दूसरी ओर कई देशों में निर्यात करके अलग पहचान स्थापित की है। यहां कि सिंदूरी किस्म के अनार की पहुंच विदेशों तक हो गई है।
हाल फिलहाल में नेपाल भेजने के लिए यहां के एक फार्म में दिन-रात किसान पैकिंग में लगे हुए हैं। इसमें साढ़े तीन हैक्टेयर रकबे में 2500 पौधा अनार लगाया था। इस दौरान बताया जा रहा है कि नेपाल के बिक्री हेतु अनार की 52 रुपए प्रति किलो के हिसाब दाम लगाए गए हैं।
सौजन्य - पद्म सिंह, सहायक कृषि अधिकारी(बाड़मेर)
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