Wheat Production: मौसम के पूर्वानुमानकर्ताओं का कहना है कि अगले कुछ हफ्तों की महत्वपूर्ण अवधि में तापमान की स्थिति अच्छी रहेगी, जो गेहूं के दानों को भरने के लिए अनुकूल होगी. इससे न केवल देश के गेहूं के भंडार के लिए, बल्कि 2023 में अनाज की वैश्विक आपूर्ति के लिए भी शुभ संकेत मिलते हैं. हाल के महीनों में वैश्विक गेहूं की कीमतों में गिरावट आई है, हालांकि घरेलू गेहूं की मुद्रास्फीति अभी भी अधिक है.
हरियाणा के किसान बिरेंद्र सिंह ने कहा कि जिन्होंने इस बार 6.5 हेक्टेयर में गेहूं बोया है, उनके खेत के गेहूं में पीला रतुआ रोग का कोई मामला नहीं आया है. तापमान भी 32-33 डिग्री सेल्सियस पर सामान्य से थोड़ा अधिक है, जिसका फसल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. वह इस वर्ष प्रति हेक्टेयर लगभग 6 टन अनाज की कटाई की उम्मीद कर रहे हैं, जो कि भारतीय मानकों की औसत उपज 3-3.5 टन से बहुत अधिक है.
सिंह की ही तरह लगभग 150 किमी दूर, करनाल जिले के तरावड़ी गांव के विकास चौधरी कहते हैं कि फसल को उच्च तापमान की मार नहीं पड़ी है, हीटवेव तो दूर की बात है. चौधरी ऐसे बीजों की खेती करते हैं जिनकी मांग है. उनके खेतों की उपज पिछले साल गिरकर 5.7 टन प्रति हेक्टेयर हो गई थी, जो 2021 में 7 टन थी.
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक राजबीर यादव ने बताया कि वर्तमान में गेहूं की फसल का परिदृश्य अच्छा दिख रहा है और अगले 15 दिनों में संभावित तापमान परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए भारत इस साल बेहतर गेहूं उत्पादन की ओर बढ़ रहा है.
एफई ने पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सहित अन्य प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में किसानों और व्यापारियों से बात की, जहां फसल की सबसे अच्छी संभावनाएं हैं. इससे घरेलू आपूर्ति में सुधार और कीमतों में कमी आने की उम्मीद है, जो पिछले साल के मध्य से बढ़ी थी. उत्तर प्रदेश में गेहूँ की फसल अच्छी खासी होने की उम्मीद है, यहां भारत के गेहूँ उत्पादन का लगभग 30% होता है. राज्य के पूर्वी हिस्से में फसल बेहतर होती है, जहां धान की कटाई के बाद समय पर बुआई की जाती है. पंजाब और हरियाणा में, जो देश के गेहूं उत्पादन का एक चौथाई हिस्सा है, वहां भी इस महीने के अंत तक गेहूं की कटाई शुरू हो जाएगी.
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वर्तमान फसल वर्ष (2022-23) के लिए, सरकार ने पिछले वर्ष के 109 मीट्रिक टन के मुकाबले 112.2 मिलियन टन की रिकॉर्ड गेहूं की फसल का अनुमान लगाया है. रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से एग्रीवॉच द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में 2022-23 फसल वर्ष में 108-110 मीट्रिक टन की सीमा में गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया गया है. पिछले आकड़ें को देखे तो एफसीआई के पास 74 लाख टन के 1 अप्रैल के बफर के मुकाबले 10.7 मीट्रिक टन गेहूं का स्टॉक है और एफसीआई और राज्य एजेंसियों की अप्रैल-जून 2022 सीजन में गेहूं की खरीद 57% बढ़कर 18.8 मीट्रिक टन हुई थी.
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