
उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार लघु एवं सीमांत किसानों की आय में वृद्धि और कृषि उत्पादन में सुधार हेतु सतत प्रयासरत है. इसी क्रम में कृषि रोड मैप के तहत फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना की जा रही है, जिससे आधुनिक कृषि यंत्रों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी.
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना से छोटे और सीमांत किसानों को खेती की हर क्रिया जुताई, बुआई, रोपाई, कटाई और थ्रेसिंग के लिए जरूरी यंत्र आसानी से सुलभ होंगे. इससे न केवल समय पर कृषि कार्य संभव होगा, बल्कि उत्पादन और उत्पादकता में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी. यह योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
सिन्हा ने जानकारी दी कि प्रत्येक फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना 10 लाख रुपये की लागत से की जाएगी, जिसमें यंत्रों का चयन स्थानीय फसल चक्र को ध्यान में रखकर किया जाएगा. प्रत्येक बैंक में कम-से-कम एक-एक ट्रैक्टर चालित या स्वचालित यंत्र रखना अनिवार्य होगा. सरकार द्वारा इस योजना के तहत 80 प्रतिशत तक यानी अधिकतम 8 लाख रुपये का अनुदान प्रदान किया जा रहा है.
इस योजना का लाभ जीविका समूह, ग्राम संगठन, क्लस्टर फेडरेशन, फार्मर इंटरेस्ट ग्रुप, नाबार्ड/बैंकों से संबद्ध किसान क्लब, किसान उत्पादक संगठन, किसान उत्पादक कंपनियां, स्वयं सहायता समूह एवं पैक्स को दिया जा रहा है. इन संस्थाओं के माध्यम से यंत्रों की सामूहिक उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है, ताकि अधिक से अधिक किसान लाभान्वित हो सकें.
अब तक राज्य में 569 फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना की जा चुकी है. वित्तीय वर्ष 2025-26 में 38 नए फार्म मशीनरी बैंक स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. सरकार की यह पहल किसानों को नई तकनीकों से जोड़ने, कृषि लागत को घटाने और उनकी आमदनी बढ़ाने की दिशा में कारगर साबित होगी.
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