गन्ना किसानों को सरकार से यह उम्मीद रहती है कि कब सरकार गन्ना फसल की कीमत में इजाफा करेंगी और इस उम्मीद पर सरकार खरी उतरी अभी हाल ही में उत्तराखंड सरकार ने राज्य के हजारों गन्ना किसानों के हित में एक अहम निर्णय लेते हुए पेराई सत्र 2025–26 के लिए गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है, जिससे किसानों को बड़ा लाभ होगा और उनको उनकी फसल पर अच्छे दाम मिलने की संभावना है साथ ही सरकार का यह कदम गन्ना उत्पादन और चीनी उद्योग दोनों को सकारात्मक दिशा प्रदान करेंगा.
कृषि अर्थव्यवस्था होगी मजबूत
सरकार का यह फैसला गन्ना किसानों के लिए मुनाफे का सौंदा साबित होगा और साथ ही गन्ना मूल्य बढ़ने से गन्ना उत्पादन को सीधा प्रोत्साहन मिलेगा और कीमत के बढ़ने से किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी और वह इस सहायता की मदद से अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर पाएंगे. इसके अलावा गन्ना उत्पादन से मिलों की क्षमता का बेहतर उपयोग होगा.
धामी सरकार ने क्या कहां?
सरकार का यह कदम किसानों के हित में काफी सहायक होगा, क्योंकि उत्त्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में गन्ना खेती चुनौतीपूर्ण रहती है और ऐसे में राज्य के किसानों को काफी तकलीफों का भी सामना करना पड़ता है इसलिए सरकार ने राज्यों के किसानों के लिए यह विशेष कदम उठाया.
वहीं सरकार ने स्पष्ट रुप से यह कहां कि गन्ना उत्पादन राज्य के कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण फसल है, जिस पर हजारों परिवार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से जुड़े हुए है और सरकार ने गन्ना क्रय केंद्रों पर सुविधाओं को बेहतर करने और किसानों को किसी भी तरह की असुविधा से बचाने के भी निर्देश दिए हैं.
गन्ना फसल मूल्य में कितना इजाफा हुआ?
-
गन्ने की फसल में पिछले पेराई सत्र 2024–25 में अगेती प्रजाति के गन्ने का राज्य मूल्य 375 रुपये प्रति कुंतल और वहीं, सामान्य प्रजाति का मूल्य 365 रुपये प्रति कुंतल के करीबन था.
-
इस साल सरकार ने गन्ना किसानों के लिए जो मूल्य तय किया है पेराई सत्र 2025–26 में अगेती प्रजाति के लिए यह दर लगभग 405 रुपये प्रति कुंतल है और सामान्य प्रजाति के लिए 395 रुपये प्रति कुंतल दर कर दी गई है.
-
यानि की सरकार ने इस बार जो उत्तराखंड के किसानो के लिए गन्ना मूल्य में इजाफा किया वह करीबन दोनों श्रेणियों में 30 रुपये प्रति कुंतल की बढ़त की है.
किसानों को होगा क्या लाभ?
-
किसानों को उत्पादन बढ़ाने और उन्नत तकनीक अपनाने का प्रोत्साहन मिलेगा.
-
सरकार की इस मदद से कृषि लागत और लाभ में संतुलन बनेगा.
-
गन्ने के मूल्य बढ़ने से चीनी मिलों की क्षमता का बेहतर उपयोग होगा.
-
सरकार के इस कदम से पहाड़ी क्षेत्रों में किसानों को आर्थिक राहत मिलेगी.
-
फसल की कीमत में इजाफा होने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी.
Share your comments