उत्तर प्रदेश में भी अब प्याज का उत्पादन बढ़ेगा। राज्य में प्याज के उत्पादन के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं, खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में इसकी फसल बड़े पैमाने पर की जा सकती है। इस बीच टाटा ट्रस्ट की रीजनल डायरेक्टर अमिता जैन का मानना है कि प्रदेश में प्याज उत्पादन के लिए मिट्टी एवं जलवायु अनुकूल है लेकिन किसान बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन कर नहीं रहे हैं। जिसके फलस्वरूप राज्य के उपभोक्ताओं को दूसरे राज्यों से आए हुए प्याज पर निर्भर रहना पड़ता है। टाटा ट्रस्ट का दावा है कि आने वाले पांच वर्षों में 40,000 एकड़ रकबा प्याज उत्पादन के अन्तर्गत ला सकती है।
टाटा ट्रस्ट ने प्याज के उत्पादन के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश के 4 जिलों के तहत 14 प्याज फार्मिंग क्लस्टर बनाए हैं जो इस फसल के उत्पादन के लिए किसानों को जागरुक करेंगे।
ट्रस्ट का मानना है कि वह पूर्वी उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में प्याज उत्पादन के लिए आठ हजार परिवारों को प्याज उत्पादन के लिए जागरुक किया है जिससे 1250 एकड़ रकबा बढ़ाया जा सका। दरअसल यह नकदी फसल है जिससे किसानों को अधिक फायदा हो सकता है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में इसके मद्देनज़र किसानों ने प्रति एकड़ 90,000 रुपए की बचत हासिल की है। मौजूदा समय में प्याज का अधिक उत्पादन महाराष्ट्र में किया जाता है जबकि यूपी में केवल नाममात्र उत्पादन किया जाता है। इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने भी पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्याज की खेती के बढ़ते रुझान एवं सफलता ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के माध्यम से प्याज उत्पादन के लिए किसानों को सहायता करने की योजना बनाई है।
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