UP News: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसानों को लुभाने में जुट गई है. इसी कड़ी में सरकार ने किसानों की मांगों को लेकर बड़ा कदम उठाया है. दरअसल, बुधवार को योगी सरकार ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 का पहला अनुपूरक बजट पेश किया. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा पेश किए गए 28,760.67 करोड़ रुपए के इस अनुपूरक बजट में किसानों को मुफ्त बिजली मुहैया कराने के लिए 900 करोड़ रुपए और गन्ना बकाया के भुगतान के लिए 400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. योगी सरकार का मानना है कि अनुपूरक बजट में प्रदेश के किसानों के लिए धनराशि का प्रबंध किए जाने से किसानों का लाभ होगा.
नई योजनाओं के लिए 7421 करोड़
उत्तर प्रदेश विधानसभा में शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 28760.67 करोड़ रुपये का बजट पेश किया और बताया कि इसमें 1946.39 करोड़ रुपये राजस्व खर्च के लिए और 9714 करोड़ रुपये पूंजी खर्च के लिए रखे गए हैं. इसके अलावा, 7421.21 करोड़ रुपये नई योजनाओं के लिए रखे गए हैं.सुरेश खन्ना ने बताया कि इस बजट में 2 हजार करोड़ रुपए विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के लिए आवंटित हुए हैं. इसके साथ ही, लखनऊ-हरदोई में पीएम मित्र योजना के तहत पीएम मेगा एकीकृत वस्त्र क्षेत्र और परिधान पार्क की स्थापना के लिए 510 करोड़ रुपए भी व्यवस्थित किए गए हैं. वहीं, बजट में 100 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर नीति के क्रियान्वयन के लिए भी रखे गए हैं.
इसके अलावा, राज्य राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए भी बजट का इंतजाम किया गया है. नई सड़कों के निर्माण और अयोध्या, मथुरा और काशी शहर की योजनाओं के लिए बजट में अतिरिक्त धनराशि नहीं आवंटित की गई है, जिस पर सुरेश खन्ना ने कहा है कि जब जरूरत होगी, तो इसके लिए भी बजट का प्रबंध किया जाएगा. फिलहाल तो किसानों की योजनाओं के लिए बजट का प्रबंध किया गया है.
बी-पैक्स को 10 लाख का ब्याज मुक्त ऋण
इसी तरह सरकार ने बजट में प्रत्येक बी-पैक्स को 10 लाख रुपये का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने के लिए भी व्यवस्था की है. इससे सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ किसानों को यूरिया, खाद और बीज सस्ती दर पर उपलब्ध करायेगी. ब्याज की प्रतिपूर्ति के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. प्रदेश में लगभग 7500 बी-पैक्स संचालित हैं. सहकारिता राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार जेपीएस राठौर ने बताया कि सहकारी समितियों को कंप्यूटराइज किया जाएगा. इसके लिए एक करोड़ रुपये का बजट सुनिश्चित किया गया है.
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