किसानों को खेती से जुड़ी जानकारी, नई-नई तकनीकों और सरकारी योजनाओं से अवगत करवाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा समय-समय पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहता है. इसी कड़ी में हरियाणा के महेन्द्रगढ़ कृषि विज्ञान केन्द्र में शनिवार (17 फरवरी 2024) को अनुसूचित जाति उप-परियोजना के अन्तर्गत गांव नांवा में सरसों खेत दिवस का आयोजन किया गया. इस अवसर पर किसानों को सरसों की अच्छी पैदावार के लिये उन्नत कृषि क्रियाओं के बारे में बताया गया. इसके साथ ही किसानों कोसरसों की फसल में बिमारियों की पहचान एवं उनकी रोकथाम के उपाय भी बताए गए.
केन्द्र के वरिष्ठ संयोजक व सस्य वैज्ञानिक डॉ. रमेश कुमार ने उपस्थित किसानों व महिलाओं को सरसों फसल के लगाए हुए प्रदर्शन प्लाट की उन्नत कृषि क्रियाओं से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि महेन्द्रगढ़ जिला के किसान सरसों फसल की अच्छी पैदावार ले रहे हैं. इसके उपरान्त भी किसान फसल उत्पादन की उन्नत कृषि क्रियाओं को अपनाने में पीछे हैं. इसलिए किसानों को उन्नत कृषि क्रियाओं को अपनाना चाहिये ताकि सरसों के उत्पादन को और अधिक बढ़ाया जा सके.
गांव नांवा में सरसों फसल के 10 एकड़ में प्रदर्शन प्लाट लगाए गये थे. जिनमें उन्न्त किस्म का बीज आर.एच.725, जिवाणु खादों का प्रयोग, जिप्सम का प्रयोग, संतुलित मात्रा में खादों का प्रयोग, तना गलन व सफेद रतुआ बिमारी की रोकथाम, मरगोजा की रोकथाम की तकनीकों को प्रदर्शित किया गया.
इन तकनीकी के प्रभाव को दिखाने के लिए खेत दिवस के अवसर पर किसानों को सरसों का प्रदर्शन प्लाट दिखाया गया. प्रशिक्षण के आयोजक डॉ.नरेन्द्र सिंह यादव, पौध रोग विशेषज्ञ ने किसानों को तना गलन व सफेद रतुआ बिमारी की रोकथाम के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि इस अवसर पर किसानों को रबी व खरीफ फसलों की अच्छी पैदावार के लिये उन्नत कृषि क्रियाओं अपनाना चाहिए. उन्होनें फसलों में बीज उपचार द्वारा पैदावार बढ़ाने के उपाय भी बताए. उन्होंने उपस्थित किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व प्रधानमन्त्री किसान सम्मान निधि योजनाओं को अपनाने के लिये प्रेरित किया. केन्द्र के मृदा वैज्ञानिक डॉ. राजपाल यादव ने किसानों कि मिट्टी व पानी की जांच के लिये प्रेरित किया. इस कार्यक्रम में अनुसूचित जाति के 52 किसानों ने भाग लिया.
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