
मध्य प्रदेश की सब्जी मंडियों में नयी फसल आने से टमाटर के भाव में भारी गिरावट/Low Crop Prices देखने को मिली है. हरी सब्जियों के दाम में भी गिरावट होने से लोगों को खाद्य महंगाई से बड़ी राहत मिली. ऐसे में किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. मध्य प्रदेश के किसान संगठनों ने राज्य सरकार से मांग की है कि वे टमाटर उत्पादक किसानों के हितों की रक्षा के लिए जल्द से जल्द सही कदम उठाएं.
वहीं, इंदौर में सबसे बड़ी मंडी देवी अहिल्याबाई होलकर फल और सब्जी मंडी की गिनती सूबे की सबसे बड़ी थोक मंडियों में की जाती है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस मंडी में टमाटर के दाम दो रुपए किलो तक पहुंच गए है. आइए इसके पीछे की वजह क्या है इसके बारे में जानते हैं...
टमाटर की खेती में भारी घाटा
मिली जानकारी के मुताबिक, इंदौर के धार जिले की मंडी में इस साल तो टमाटर की ज्यादा बुवाई किसानों के ऊपर ही भारी पड़ रही है. बताया जा रहा है कि जिले के कुछ किसानों ने करीब 2 लाख रुपए तक का कर्ज लेकर इस वर्ष टमाटर की खेती की थी, लेकिन उन्हें मंडी में अच्छा दाम नहीं मिला, जिससे कई किसानों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
MSP पर किसान संगठन ने लगाई गुहार
जिले के सयुंक्त किसान संगठन ने टमाटर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP ) को लेकर राज्य सरकार से गुहार लगाई है. उनका कहना है कि टमाटर और अन्य कई सब्जियों पर सरकार जल्द ही MSP को घोषित करें. साथ ही उन्होंने सरकार से कोल्ड स्टोर की भी मांग की है ताकि वह अपनी फसलों को सुरक्षित रख सकें. देखा जाए तो जिले में सब्जियों को स्टोर करने के लिए बहुत ही कम कोल्ड स्टोर बनें है, जिसके चलते भी किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ता है.
लेखक: रवीना सिंह
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