तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने विधानसभा में जानकारी दी कि राज्य से हजार अधिकारियों को इज़रायल भेजा गया है। हालांकि इस मुद्दे पर विपक्षियों ने सरकार पर पलटवार करते हुए इसे फिज़ूल खर्च बताया है। लेकिन सरकार ने इस दल को कृषि तकनीकियों के विस्तृत अध्ययन के लिए भेजा है। विपक्षियों द्वारा इस मुद्दे पर सरकार पर सवाल खड़े करने से मामला ज्यादा उछल गया है।
यही नहीं विपक्षियों ने सरकार के सामने यह कहकर चुनौती पेश की है इस दल को भेजने में खर्चा अधिक आएगा आखिर एक हजार अधिकारियों के दल को भेजने की जरूरत क्या है। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता कृष्णा सागर राव ने कहा इस दल को विदेश भेजने में लगभग 30 करोड़ का खर्चा आएगा जो कि राशि फालतू में खर्च की जाएगी जबकि कर्जमाफी की स्कीम अभी राज्य में पूरी नहीं की जा सकी है। इस बीच कांग्रेस ने भी सरकार को इस विवाद पर घेरा है।
लेकिन जो कुछ भी हो मामला रोचक है कि सरकार ने जहां कृषि तकनीकियों को सीखने एवं अध्ययन की दृष्टि से इस दल को भेजा है तो वहीं विपक्षी इसे फिजूलखर्ची करार दे रहें हैं।
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