राजस्थान में अब टिड्डियों के क़हर का बादल मंडराने लगा है. कई जिले में टिड्डियों का दल पहुँचा है लाखों की संख्या में दल फ़सल पर हमला करती है किसान परेशान हैं अब इस मुसीबत से कैसा निपटा जाए. कीटनाशक का भी असर नहीं हो रहा है. एफ़॰ए॰ओ॰ की रिपोर्ट के अनुसार टिड्डियों दल पाकिस्तान की तरफ़ से आया है 38% पाकिस्तान की फ़सलो को बर्बाद कर रेगिस्तान के रास्ते से होकर टिड्डियाँ आई है. टिड्डियों के एक दल की संख्या 10-20 लाख की संख्या होती है.
टिड्डियाँ हवा में बड़ा लेती है अपनी संख्या
टिड्डियों हवा में ही प्रजनन कर लेती है इसको अनुकूल मौसम मिल जाने से टिड्डियाँ हवा में ही प्रजनन कर अपनी संख्या बड़ा लेती है खेतों के आसपास लगे पेड़ पर अपना डेरा जमा कर खेतों की फ़सलों को नुक़सान पहुँचाती है टिड्डियों का दल इतना बड़ा होता है की खेत में लगी फसल तबाह कर देती है. किसानों को अचानक बारिश होने से पहले ही नुक़सान हो रहा है ओर ऊपर से टिड्डियों के क़हर से ज़्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार भी की तरफ़ से कोई मद्दत नही मिलीं है. Food and Agriculture Organization of the United Nations (FAO ) विभाग द्वारा एक रिपोर्ट मे पाया है ये टिड्डियाँ फसलों के साथ -साथ पेड़ों ओर पशुओं के आहार को भी खाकर नष्ट कर देती है.टिड्डियों का आतंक अब मध्य प्रदेश में भी देखने को मिल गया है सूचना अनुसार आज मप्र के नीमच में टिड्डियों का झुंड देखने को मिला है .मन्दसौर ओर नीमच जिला राजस्थान सीमा से लगा है. प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. किसानो के खेत तो ख़ाली है परन्तु पशुओं के आहार ओर सब्ज़ियों को भी टिड्डियाँ नष्ट कर सकती है .इसकी संख्या लाखों में होती है राजस्थान के किसान टिड्डियों से काफी परेशान हो गए है अब लगता है टिड्डियों का खोफ मप्र में दस्तक देगा.
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किसानो के हालात lock down ने पहले ही ख़राब कर रखें है उपज का दाम नहीं ओर ये टिड्डियों के काले बादल छाए हैं.अगर किसानो को खेत पर बैठी हुई दिखे तो तुरंत खेत में कल्टीवेटर के पीछे समतल करने का खम्बा बाधकर चलाएं.उप संचालक कृषि कल्याण विभाग मंदसौर अजीत राठौर ने बताया कि राजस्थान से मध्यप्रदेश में टिड्डियों का आगमन हो चुका है.. यह नीमच जिले में आ चुकी है. यह टिड्डियां हरी पत्तियों को तुरंत बैठकर ही खा जाती है एवं यह बहुत अधिक मात्रा में एक साथ आती हैं. यह टिड्डियां दिन में उड़ती है तथा रात में बैठती है. इसके लिए उन्होंने मंदसौर जिले के सभी किसानों से अनुरोध किया है, कि यह टीडिया झुंड में एक साथ अपने खेतों में बैठते हुए शाम को दिखे तो रात में ही कल्टीवेटर खेत में चला दे तथा कल्टीवेटर के पीछे खंबा, लोहे का पाइप या ऐसी कोई वस्तु बांध के चलाएं जिससे पीछे की जमीन वापस समतल हो जाए तथा टिड्डियां उसमें दबने से मर जाए. अगर यह टिड्डियां जिंदा रहती हैं, तो आसपास की हरियाली को जीवित नहीं रखेगी. यह सारे हरे हरे पत्ते खाकर नष्ट कर देती हैं. इसके साथ ही अगर यह टिड्डियां कहीं पर भी देखने को मिले तो उसकी सूचना तुरंत प्रशासन को प्रदान करें.
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