भारत की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा UPSC होता है, इसे कठिन कहना गलत होगा, क्योंकि भारत और भारत के भविष्य को उज्जवल करने वाले युवाओं के जीवन में कठिन शब्द का कोई स्थान नहीं है. कहते हैं न, चाह लो तो राह है, ना चाहो तो चट्टान. जीवन का संघर्ष और यह परीक्षा इसी राह से होते हुए गुजरता है.
भारत के हर कोने से पढ़ रहे लगभग सभी छात्रों ने कभी न कभी, अपनी जिंदगी में इस परीक्षा में बैठने या इसे पास करने का सपना जरूर देखा होगा या उसे अपनी जिंदगी का लक्ष्य बनाया होगा. ख़ासकर अगर बात उत्तर भारत की करें, तो यहाँ से आने वाले हर छात्रों की आँखों ने कभी न कभी इसका ख़्वाब को जरूर देखा होगा. फर्क बस इतना है कि कुछ लोग इस सफर को पूरा करने में सफल होते हैं, तो कुछ बीच में ही इसका साथ छोड़ दूसरी राह पर निकल जाते हैं.
UPSC भारत की एक ऐसी प्रतियोगी परीक्षा है, जिसके परिणाम के आधार पर भारत सरकार केंद्रीय व राज्य प्रशासन के लिए सिविल सेवाओं के अधिकारी, आईपीएस पुलिस अधिकारी चुने जाते हैं. शायद यही वो वजह है की लाखों बच्चें इस सपने को सफ़ल करने के लिए पूरी जान लगा देते हैं.
ऐसे ही अपने पहले प्रयास में ही UPSC परीक्षा में चौथा स्थान हासिल करने वाले एक सफल छात्र यश जालूका हैं, जिसने आज कृषि जागरण और एग्रीकल्चर वर्ल्ड के प्रधान संपादक एम.सी डॉमिनिक ने बात की और बधाई देते हुए उनके उज्वल भविष्य की कामना की.
बता दें, कि अपने पहले प्रयास में ही UPSC परीक्षा में चौथा स्थान हासिल करने वाले यश जालुका झारखंड के धनबाद जिले के झरिया गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता का नाम मनोज जालुका है और वह एक लोहा व्यवसायी हैं. यश ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई झारखण्ड के झरिया गांव से ही किया है. वहीं, उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई डीपीएस बोकारो और ग्रेजुएशन के साथ मास्टर्स दिल्ली यूनिवर्सिटी से किया है. इकोनॉमिक्स के छात्र रहे यश ने बताया कि आखिर कैसे उनका ध्यान सिविल सेवा की तरफ आकर्षित हुआ.
उनका कहना था कि उन्हें पहली इसको लेकर कोई ख़ासा जानकारी और दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन बाद में आकर जब उनकी रूचि अख़बारों में हुई, तो उनका ध्यान इस तरफ गया. उनका मानना है कि देश या समाज को बदलने के लिए जरुरी नहीं की आप नेता या सोशल मीडिया पर क्रांति लाकर ही बदलाव कर सकते है. सिविल सेवा की माध्यम से भी आप देश और समाज की सेवा करने के अलावा इसमें बदलाव ला सकते हैं.
उन्होंने ग्रामीण इलाके से आने वाले छात्रों को भी प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आप ये न सोचें की आप की पढाई कहां से हुई है, स्कूल महंगी है या नहीं, आपको अंग्रेजी अच्छी बोलनी आती है या नहीं. इस परीक्षा को पास करने के लिए जरुरी है खुद पर और खुद की काबिलियत पर भरोसा होना. अगर आपको खुद पर भरोसा है, तो आपका बैकग्राउंड आपकी उज्जवल भविष्य की राह में नहीं आ सकता.
UPSC परीक्षा में चौथा स्थान हासिल करने वाले यश ने भारत को कृषि प्रधान देश बताते हुए कृषि और कृषि व्यवस्था पर भी बातें की और कहा कि आज के इस बदलते दौर में जरुरी है कि किसान पारम्परिक तरीकों से खेती करते हुए अन्य लाभकरी खेती पर भी अपना ध्यान दें.
दरअसल, हमारे देश में अधिकतर किसान ऐसे हैं जो सिर्फ धान, गेहूं या मक्के जैसी फसलों की खेती करना पसंद करते हैं. ऐसे में जरुरत है कि सरकार नई पॉलीसी के तहत किसानों को पारम्परिक खेती से हटकर आर्गेनिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करें. यश ने फ़ूड प्रोसेसिंग पर भी बात करते हुए कहा कि जरुरी है कि किसान अपनी उपज को ठीक ढंग से साफ़कर उसे सुरक्षित रखें, ताकि सही समय आने पर किसानों को उनकी उपज का सही कीमत मिल सके. नहीं तो ऐसी स्थिति में किसानों का नुकसान कर बड़ी-बड़ी कंपनियां मुनाफा कमा लेती हैं और हमारे किसानों को उनका लागत भी नहीं मिल पाता.
इसके अलावा, IAS टॉपर यश जालुका ने क्या कुछ कहा, आइये उन्हीं की जुबानी जानते हैं-
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