चंदन की खेती करने से किसानों को काफी अधिक लाभ मिलता है. देश के ज्यादातर किसान इसकी खेती की तरफ अपना रुझान तो दिखाते हैं, लेकिन तकनीकी कमी के चलते वह चंदन की खेती नहीं कर पाते हैं. दरअसल, चंदन के पेड़ों से लाभ प्राप्त करने के लिए लगभग 10-15 सालों तक का लंबा इंतजार करना पड़ता है. इसी क्रम में केंद्रीय मृदा एवं लवणता अनुसंधान संस्थान ने एक पहल की है, जिसमें अच्छे और गुणवत्तापरक चंदन के पौधे तैयार किये जा रहे हैं. इस कार्य पर अभी वैज्ञानिकों के द्वारा शोध किया जा रहा है. ताकि किसानों को कम समय में चंदन की खेती से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके.
जानकारी के लिए बता दें कि चंदन का इस्तेमाल पूजा-पाठ से लेकर अन्य कई तरह के शुभ कार्यों में किया जाता है, जिसके चलते बाजार में चंदन की मांग व कीमत दोनों उच्च होती है. ऐसे में आइए चंदन की खेती के परियोजना कार्य के बारे में विस्तार से जानते हैं-
वैज्ञानिकों द्वारा चंदन के पेड़ों पर परियोजना शुरू
किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए केंद्रीय मृदा एवं लवणता अनुसंधान संस्थान (सीएसएसआरआई) करनाल के वैज्ञानिकों द्वारा चंदन के अच्छे और गुणवत्तापरक पौधों को तैयार किया जा रहा है. इस संदर्भ में कृषि वैज्ञानिक डॉ. राज कुमार का कहना है कि चंदन के पौधे पर यह परियोजना कार्य संस्थान के निदेशक डॉ. आरके यादव के मार्गदर्शन में किया जा रहा है. फिलहाल के लिए चंदन के पौधे पर शोध जारी है. उन्होंने बताया कि चंदन के पेड़ से लाभ पाने के लिए किसानों को 10-15 सालों का इंतजार करना पड़ता है. वैज्ञानिकों के द्वारा इसी लंबे इंतजार को कम करने के लिए यह परियोजना शुरू की गई है. इस शोध में इन चीजों पर भी काम किया जा रहा है कि चंदन के पेड़ के पास किस मेजबान पौधे को रखें और कितनी खाद, कितना पानी दिया जाना चाहिए आदि पर कार्य चल रहा है. ताकि चंदन के पेड़ों से लाभ पाने की अवधि कम हो सके. मिली जानकारी के मुताबिक, संस्थान में एक एकड़ भूमि में चंदन के पौधे लगाए गए हैं, जो कि वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किए गए हैं.
किसानों के लिए चंदन के पेड़ बेहद लाभकारी
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, चंदन के पेड़ जितना पुराना होता है, वह बाजार में उतने ही उसकी अधिक कीमत होती है. देखा जाए तो अगर चंदन के एक पेड़ करीब 15 साल में तैयार होता है, तो बाजार में उस एक पेड़ की कीमत लगभग 70 हजार रुपये से लेकर दो लाख रुपये तक हो सकती है. ऐसे में अब आप हिसाब लगा सकते हैं, तो चंदन की खेती कर किसान कुछ ही सालों में लाखों की कमाई सरलता से कर सकते हैं.
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चंदन का पौधा दूसरे पौधों से लेता है खुराक
चंदन के पौधे के साथ में अन्य दूसरा पौधा भी लगाया जाता है. क्योंकि यह पेड़ खुद अपनी खुराक दूसरे पौधों की जड़ों से लेता है. दरअसल, चंदन के पौधे की जड़ें दूसरे पौधे की जड़ों को अपने में जोड़ लेते हैं और फिर उसे मिलने वाली खुराक को वह अपनी खुराक में बदल लेता है. ताकि पौधा अच्छे से विकसित हो सके.
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