अक्टूबर 2014, को प्रधानमंत्री मोदी जी ने जब स्वच्छ भारत मिशन की नयी शुरुआत की, तब दो लोगों ने इससे प्रेरित होकर देशवासियों को खुले मे शौच से आज़ादी दिलाने को अपने जीवन का मकसद बना लिया. नवनीत गर्ग और आशीष गुप्ता ने लगभग बीस साल के सार्वजानिक स्वास्थ्य में अनुभव के बाद यह तय किया कि वे अपने देश के स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्य पर काम करेंगे. दोनो ने मिल कर बिज़नेस प्लान बनाया और काफ़ी विचार विमर्श के बाद उन्हे एहसास हुआ के उन्हे ऐसे उत्पाद बनाने होंगे जो बिल्कुल हमारे देश के लिए फिट हैं और जल्द ही अधिक मात्रा में निर्माण कर जनता तक पहुंचाए जा सके.
तब उन्होंने शुरुआत की काया कन्स्ट्रक्ट्स की, यह एक ऐसी कंपनी है जो सैनिटेशन (स्वच्छता) और पानी के स्रोत के संरक्षण की ओर काम करती है. काया इस तरह के उत्पाद बनाती है, जिससे देश में बहुत सारे लोग शौचालय का इस्तेमाल कर सकें, और हमारी शौचालय की गंदगी सही उपचार के बाद फेंकी जाए. शायद आप यह जानते होंगे कि अभी भी भारत में शौचालय की गंदगी खुली पाइप और नालियों के द्वारा ज़मीन , तालाब और नदियों में मिल जाती है, जिससे जल और भूमि प्रदूषण फैलता है. मात्र 2 सालों में काया की टीम 60 लोगों की हो गई, यह कंपनी की प्रगति को दर्शाता है. यह कंपनी लगभग २०० शहरों में लोगों तक सार्वजनिक तथा घरेलू शौचालय की सुविधा प्रदान कर रहे हैं . ज़्यादा लोगों तक पंहुचाने के लिए काया ने प्री-कास्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग किया. इससे सीमेंट के बने शौचालय पूरी तरह फ़ैक्टरी में तैयार होते हैं, जैसे ब्रिज तथा मेट्रो के पिलर्स बनते हैं.
नवनीत के अनुसार, “फ़ैक्टरी में बनने के कारण, काया, शौचालय की गुणवत्ता पर पूरा नियंत्रण रख सकता हैं. ज़रूरत पड़ने पर उत्पादन बढ़ सकता है. इसके अलावा प्री-कास्ट शौचालय के अनेक फायदे हैं, जैसे यह जल्दी खराब नहीं होंगे, घुटन महसूस नहीं होगी, हर मौसम में सुविधा और पूरी सुरक्षा प्रदान करेंगे. जिन लोगों ने शौचालय का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, वह अब अन्य सुविधाओं की मांग करते हैं, जैसे स्नान घर, महिलाओं के लिए अलग सुविधाएँ इत्यादि. काया की टीम इन सब सुविधाओं पर भी साथ-साथ काम कर रही है.“
गाँव में शौचालय पहुँचाने के लिए, काया के इंजीनियरों ने मॉड्यूलर डिजाइन के शौचालयों का निर्माण किया, यह 7 अलग दीवारों के रूप में बनते हैं जिन्हे जोड़ कर एक मज़बूत शौचालय केवल २-३ घंटों में बनाया जाता है.ऐसे शौचालय अधिक से अधिक गाँव तक पहुंचाए जा सके इसके लिए काया गाँव में ही शौचालय के व्यापार को बढ़ावा दे रही है. नवनीत ने बताया, "हमारा मकसद है कि देश के हर कोने तक शौचालय पहुंचे, इसके लिए हमारे शौचालय इस तरह बनाए गए हैं कि इन्हे एक के ऊपर एक रख कर कहीं भी भेजा जा सकता है. उसके बाद इन्हे लगाना बहुत आसान है, केवल कुछ घंटों मैं ३-४ आदमी मिल कर दीवारों को जोड़ सकते हैं. उसके बाद दो फीट वाले गड्ढे के साथ जोड़ कर इन्हे इस्तेमाल किया जाता है." काया अभी तक लगभग 1000 से ऊपर घरों में यह शौचालय लगा चुकी है और बहुत जगह काम चल रहा है. ज़्यादा गावों और शहरों तक पहुंचने की लिए, काया वहां के व्यापारियों तथा लघु उद्योग से जुड़ी संस्थाओं से बात कर रही है. कृषि व्यापार करने वाले लोग इस तरह के काम को आसानी से कर सकते है, जगह होने के कारण वह शौचालय रख सकते हैं, और जो लोग उनसे शौचालय खरीदें उनके घरों तक शौचालय पहुँचाने और लगवाने की व्यवस्था भी वह आसानी से प्रदान कर सकते हैं. इससे गाँव में नए व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा, और मंडी, गोदाम इत्यादि का उपयोग करके अच्छे क्वालिटी के शौचलय लोगों तक आसानी से पहुंचाए जा सकते हैं.शौचालय से जुड़ी पूरी ट्रेनिंग काया व्यापारियों को प्रदान करवाएगी.
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