केंद्र सरकार पर वादा खिलाफ़ी का आरोप लगाते हुए देश के लगभग 250 से ज़्यादा किसान संग़ठन स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट को लागू करने, संपूर्ण कर्जमाफी, फसलों के सही क़ीमत जैसी मांगों को लेकर 29-30 नवंबर के बीच दिल्ली पहुंचने वाले है.राजधानी में होने वाले इस किसान मार्च में वेस्ट यूपी के कई किसान संगठन भी इस आंदोलन का हिस्सा होंगे।
अक्टूबर महीने के दो तारीख़ को भारतीय किसान यूनियन ने हरिद्वार से लेकर राजधानी दिल्ली तक किसान यात्रा निकली थी. उत्तर प्रदेश और दिल्ली सीमा पर किसानो और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी.इसके बाद सरकार ने किसानो कि मांगों को जल्द पूरा करने का आश्वाशन देकर आंदोलन समाप्त करा दिया था. अब इसी तर्ज देश के 250 से ज़्यादा किसान संगठन अपने हक़ कि मांग के लिए दिल्ली पहुंचने का एलान कर दिया है.वामपथी संगठन अखिल भारतीय किसान सभा के आह्वान पर अलग-अलग राज्यों से 29 नवंबर को दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में किसान डेरा डालेंगे। इसके बाद 30 नवंबर को संसद मार्ग पर किसान मार्च निकालकर सरकार को उनके वादे याद दिलाएंगे, अपनी परेशानी बताएंगे और हक मांगेंगे।
किसान शक्ति संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी पुष्पेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार साल 2014 में ही कर्जमाफ़ी का वादा किया था लेकिन आजतक कोई कर्ज माफी ही नहीं हुई,स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागु नहीं हुई, मौजूदा समय में फसलों के भी वाजिब दाम नहीं मिल रहे है,भूमि सुधार कानून को लागू नहीं किया और नाही सरकार कृषि सुधार को लेकर गंभीर भी नहीं दिख रही है. इन्ही सभी मांगो को लेकर किसान दिल्ली में घेरा डालो डेरा डालो के नारे को बुलंद करेंगे।
भारतीय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप सिंह ने कहा किसानों के जमीनों का अधिग्रहण एक्सप्रेस-वे, हाइवे, औद्योगिक इकाइयों की स्थापना, आवासीय कॉलोनियों के लिए कम कीमतों में किया जा रहा है. इसके एवज में किसानों उनकी जमीन कि वाज़िब लागत मिलनी चाहिए। इसीलिए किसान सरकार को याद दिलाने के लिए सर्दी में दिल्ली में डेरा डालने को मजबूर हैं।भारतीय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक चौधरी हरबीर सिंह निलोहा ने कहा अब देश का किसान एकजुट है.दिल्ली जाकर सरकार को जगाने का काम किया जाएगा। वेस्ट यूपी के गांव-गांव से सर्दी में किसान तंबू लेकर दिल्ली में ही गांव बसा देंगे।
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