राजस्थान सरकार एक हफ्ते के अंदर किसानो का अब तक सबसे बडा कर्जमाफी का निर्णय लेने जा रही है। वसुंधरा राजे सरकार ने 6500 करोड़ रुपए 29 लाख मध्यवर्गीय और छोटे किसानो बांटे जाने का निर्णय लिया है। वसुंधरा राजें ने राज्य बज़ट 2018-19 में कृषि ऋण छूट के लिए 2000 करोड़ रुपए निर्धारित किए थे। लेकिन कृषि ऋण छूट कि कुल मात्रा 85000 करोड़ रुपए रखी गई थी। जिसमे 6500 करोड़ रुपए का बडा अंतर आ गया।
इसके उपर से सरकार किसानो को ताजा ऋण प्रदान कर रही है जिसके लिए और अधिक 5000 करोड़ रुपए तक कि आवश्यकता है। इसी के चलते राजस्थान सरकार राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक से संर्पक किया है। लेकिन एनसीडीसी के उप-प्रबंध निदेशक डीएन ठाकुर के अनुसार उन्होने राजस्थान सरकार को कर्जमाफी के लिए कोई भी रकम जारी नहीं कि साथ ही उन्होने इस मांग को भी ठुकरा दिया।
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक मीडिया को दिए अपने बयान में कहा है कि राजस्थान सरकार ने इस प्रसताव के लिए उनसे संपर्क किया था। लेकिन नियमों के उल्लंघनों का कारण देते हुए उन्होने इस मांग को ठुकरा दिया क्योंकि राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के अधिकारी के मुताबिक आप कर्ज देने के लिए कर्ज नही ले सकते यह गलत है।
भानु प्रताप
कृषि जागरण
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