कृषि जागरण ने अपनी ज़िम्मेदारी को समझते हुए किसानों के हित में लगातार कार्य किया है. आज हमें बताते हुए बहुत ख़ुशी हो रही है कि किसानों की लिए कृषि जागरण ने अपनी टीम को अधिक बढ़ा दिया है. इसी कड़ी में कृषि जागरण ने अपनी सम्पादकीय टीम को एक नए ऑफिस का तोहफा दिया है. बता दें कि कृषि जागरण के "डिजिटल मीडिया सेंटर" का उद्घाटन क्रिसमस के अवसर पर पद्म श्री पुरस्कार विजेता, राहीबाई सोमा पोपरे के हाथों हुआ.
राहीबाई को कहते हैं सीड मदर
राहीबाई सोमा पोपरे को स्वदेशी बीजों के संरक्षण में काम करने के लिए सीड मदर के रूप में जाना जाता है. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक कोर सपोर्ट ग्रुप, बीएआईएफ डेवलपमेंट रिसर्च फाउंडेशन की सदस्य हैं और उन्हें चौथे पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. कृषि क्षेत्र में उनके योगदान के लिए सर्वोच्च नागरिक राष्ट्रीय पुरस्कार पद्मश्री से उन्हें सम्मानित भी किया गया. कृषि जागरण के इस विशेष दिवश पर उनकी उपस्थिति हमारे और कृषि जगरण के पुरे परिवार के लिए गर्व की बात थी.
राहीबाई सोमा पोपरे ने अपने भाषण के दौरान कृषि पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके अद्भुत काम के लिए पूरी कृषि जागरण टीम को बधाई दी और भविष्य में और अधिक सफलता प्राप्त करने की कामना की. इसके अलावा, धानुका एग्रीटेक, सोमानी सीड्स, एसीएसईएन हाईवेग, गोयल वेट फार्मा, एक्यूवेंस एलएलपी, कृषिका, एचपीएम, हाइवेग, एफएमसी और एफएआई जैसी अन्य कई बड़ी कंपनियां भी इस मौके पर उपश्थित थी. कंपनियों की कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने उद्घाटन कार्यक्रम में भाग लिया और अपने विचार साझा किए.
हाल ही में कृषि जागरण को केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला से कृषि पत्रकारिता पुरस्कार (जागरूकता और समाधान-उन्मुख) श्रेणी के तहत डिजिटल मीडिया में उत्कृष्टता में उत्कृष्ट और अग्रणी भूमिका के लिए एक पुरस्कार मिला है. इस अवसर पर कृषि जागरण की निदेशक शाइनी डोमिनिक भी मौजूद थी.
ये खबर भी पढ़ें: पद्मश्री अवार्ड विजेता राहीबाई सोमा पोपरे करेंगी कृषि जागरण के नए ऑफिस का उद्घाटन
कृषि पत्रकारिता में अग्रणी, कृषि जागरण की स्थापना 25 साल पहले एमसी डोमिनिक (एडिटर-इन-चीफ) ने की थी. शाइनी डोमिनिक और एमसी डोमिनिक के निरंतर प्रयास और कड़ी मेहनत के कारण ही आज कृषि जागरण भारत का अग्रणी कृषि मीडिया हाउस है. इतना ही नहीं, आज के समय में कृषि जागरण एक ऐसा मीडिया हाउस है, जो 12 भाषाओं में पत्रिकाओं के साथ डिजिटल के साथ-साथ प्रिंट मीडिया में अपना कदम पिछले 25 सालों से जमा कर रखे हैं. उसे किसानों के साथ-साथ एग्री कंपनियों का भी साथ मिल रहा है. ये देखकर लगता है कि निकट भविष्य में भी इसका मुकाबला करने वाला दूसरा और कोई नहीं है.
कृषि जागरण का उद्देश्य किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों, सरकारी योजनाओं और अन्य संसाधनों के साथ प्रदान करना है इसके संगठन विभिन्न प्रकार के नए कार्यक्रमों के माध्यम से लगातार किसानों के संपर्क में है. इसके अलावा किसानों को दैनिक आधार पर आधुनिक जानकारी प्रदान करता है.
Share your comments