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NHRDF में मशरूम उत्पादन तकनीक पर 5 दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न, प्रतिभागियों ने सीखी खेती की बारीकियां

राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास फाउंडेशन (NHRDF) ने मशरूम उत्पादन तकनीक व पोस्ट-हार्वेस्ट मैनेजमेंट पर 5 दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न किया. 7 राज्यों से आए 27 प्रतिभागियों ने मशरूम की विभिन्न प्रजातियों की खेती, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन व विपणन की बारीकियां सीखीं. प्रशिक्षण में वैज्ञानिक व व्यावहारिक जानकारी प्रदान की गई.

KJ Staff
NHRDF में मशरूम उत्पादन तकनीक पर 5 दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न
NHRDF में मशरूम उत्पादन तकनीक पर 5 दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न

राष्ट्रीय उद्यानिकी अनुसंधान एवं विकास फाउंडेशन (NHRDF) ने “मशरूम उत्पादन तकनीक और फसलोत्तर प्रबंधन” पर आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को 29 अगस्त, 2025 को सफलतापूर्वक संपन्न किया. इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों से कुल 27 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया.

प्रशिक्षण में भोजन, पोषण और आर्थिक सुरक्षा सहित कई विषयों को शामिल किया गया, जिसमें विशेष जोर मशरूम की खेती की भूमिका पर दिया गया. प्रतिभागियों को धान के पुआल और गेहूं की भूसी जैसे कृषि अवशेषों के वैज्ञानिक निपटान के बारे में जागरूक किया गया तथा पराली जलाने जैसी हानिकारक प्रथाओं को हतोत्साहित किया गया.

व्यावहारिक अनुभव और सीख को बढ़ाने के लिए, प्रतिभागियों ने HAIC-मशरूम अनुसंधान एवं विकास केंद्र तथा हरियाणा के सोनीपत जिले में प्रगतिशील किसान बिजेंद्र धनखड़ के खेत का दौरा भी किया.

एस.सी. तिवारी, सहायक निदेशक एवं प्रशिक्षण समन्वयक, ने बटन, ढींगरी (ऑयस्टर), मिल्की और शिटाके मशरूम जैसी विभिन्न प्रजातियों की खेती पर विस्तृत सत्र लिए और मशरूम खेती में आने वाली सामान्य चुनौतियों तथा उनके समाधान बताए. उन्होंने जोर दिया कि मशरूम की खेती एक लाभकारी उद्यम हो सकती है, जिससे किसान और बेरोजगार युवा स्वरोजगार अपनाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं.

समापन सत्र के दौरान प्रशिक्षुओं ने कार्यक्रम के लिए आभार व्यक्त किया और मशरूम उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन पर प्राप्त व्यावहारिक ज्ञान व अनुभव को सराहा. उन्होंने विशेष रूप से तिवारी और NHRDF टीम के मार्गदर्शन की प्रशंसा की, जिन्होंने उन्हें ऐसी तकनीकी जानकारी प्रदान की जिससे वे मशरूम खेती के उद्यम स्थापित कर सकें.

इस अवसर पर डॉ. रजनीश मिश्रा, संयुक्त निदेशक, ने खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने में मशरूम खेती के महत्व पर प्रकाश डाला और प्रतिभागियों को अपने-अपने क्षेत्रों में सीखी गई जानकारी को साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार प्रशिक्षु सरकारी योजनाओं और प्रोत्साहनों का लाभ लेकर सफल मशरूम उद्यम स्थापित कर सकते हैं. इसके साथ ही उन्होंने सक्रिय भागीदारी और प्रशिक्षण के सफल समापन पर प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए.

समापन सत्र में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में राहुल दाबस (मुख्य लेखा अधिकारी), संजय सिंह (उप निदेशक), ज्ञान प्रकाश द्विवेदी (उप निदेशक), एस.सी. तिवारी (सहायक निदेशक), सुनील कुमार (सहायक निदेशक), डॉ. गुरदीप रत्तू (वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी), और जे.पी. शर्मा शामिल रहे.

कार्यक्रम का समापन मनोज श्रीवास्तव, संयुक्त निदेशक, द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ. उन्होंने सभी गणमान्य अतिथियों, प्रशिक्षकों और प्रतिभागियों का उनकी उत्साही भागीदारी और योगदान के लिए आभार व्यक्त किया, जिसने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाया.

English Summary: nhrdf 5 day training mushroom production technology post harvest management Published on: 03 September 2025, 11:56 AM IST

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