किसान, एंटरप्रन्योर-उद्यमियों के केंद्रीय मंत्रियों से सवाल-
- देश का यूथ नए इनोवेशन और स्टार्ट-अप लांच करने के लिए विदेश क्यों भाग रहा है ?
- कृषि स्टार्ट-अप के लिए यूरोपियन मार्केट भारत के बाजार से बेहतर है, देश में भ्रष्टचार व्याप्त है. इससे इनोवेटर्स और एंटरप्रन्योर आगे नहीं बढ़ पा रहे. इस पर सरकार क्या काम कर रही है ?
- देश का युवा कृषि कार्यों में रुचि क्यों नहीं ले रहा, क्या सरकार इस विषय को लेकर कोई योजना तैयार कर रही है ?
- स्टार्ट-अप शुरू करने के लिए सरकार सब्सिडी तो दे रही है, लेकिन आखिर क्यों इस सब्सिडी का लाभ ज़रूरतमंदों एंटरप्रन्योर को नहीं मिल पा रहा है ?
- देश के 80% किसानों के पास नई टेक्नॉलोजी का अभाव है, सरकार इस पर क्या काम कर रही है ?
- पशुपालन को लेकर नई टेक्नोलॉजी का निर्माण देश में क्यों नहीं हो रहा ?
- जम्मू और कश्मीर के युवाओं में टैलेंट है. यहां के कृषि उत्पादों की मांग देश-विदेश में है. सरकार कश्मीरी युवाओं और किसानों की मदद करे ?
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री तोमर के जवाब-
समय का हवाला देते हुए पैनल के गेस्ट और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सभी सवालों का संयुक्त रूप से जवाब दिया. कृषि मंत्री ने कहा कि सभी का स्वागत है. ये अच्छा मौका था जहां किसानों, उद्यमियों और व्यवसायियों को अपनी बात कहने का मौका मिला. देश की ताकत आप जैसे कर्मठ युवा हैं. जो ताकत देश की शिक्षा किसान और लोगों के पास है अगर उसका इस्तेमाल सब मिलकर करें तो जल्द ही देश वैश्विक मंच पर एक बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभर कर आएगा.
उन्होंने कहा कि लोगों को लगता है कि नवाचार के लिए विदेश जाना पड़ेगा लेकिन पीएम मोदी ने मेक इन इंडिया के तहत इनोवेटर्स को मंच दिया है. आज हिंदुस्तानी बांस के बने पैन को जेब में रखकर भी गर्व करते हैं. अब लोग विदेश की अच्छी-भली नौकरी छोड़ कर देश वापसी कर रहे हैं और देश की आर्थिक प्रगति में अपना योगदान दे रहे हैं. आज विदेश जाने और स्वयं को भारतीय कहने पर गर्व की अनुभूति होती है. विकास की बात की जाए तो कांग्रेस के कार्यकाल तक देश में 100-200 स्टार्ट ही थे. मोदी सरकार के 8 वर्षों के कार्यकाल में स्टार्ट-अप आगे आए हैं. आज अकेले कृषि क्षेत्र में 2000 से अधिक स्टार्ट-अप कार्य कर रहे हैं. युवा नई टेक्नोलॉजी इनोवेट करें, सरकार उनकी मदद करेगी. इसके साथ ही मोदी सरकार इस योजना पर भी कार्य करेगी कि नई कृषि तकनीक देश के कोने-कोने तक पहुंच पाए और किसानों को इसका लाभ मिल सके. स्टार्ट-अप से रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे.
केंद्रीय मंत्री ने आगे बोलते हुए कहा कि कृषि स्टार्ट-अप की सफलता के लिए सरकार 500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर किसान सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. आनेवाले 100 सालों में देश कैसा होगा सरकार इस विजन को लेकर कार्य कर रही है. देश की आबादी भी बढ़ रही है तो खाद्य सुरक्षा कैसे हो, जलवायु परिवर्तन और बीमारियों का सामना कैसे हो. इसके लिए पक्का इरादा होना चाहिए यह समय की मांग है. इस दौरान पैनल में शामिल कृषि राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे, कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के साथ अन्य अतिथि मौजूद रहे.
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कॉन्फ्रेंस में शामिल कृषि विशेषज्ञों की राय
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का भाषण अच्छा था. सरकार जमीन पर काम करे तो कृषि से जुड़ी नई तकनीकों के विकास में आसानी होगी. -विकास कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक, भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र, नई दिल्ली.
एंटरप्रन्योर के प्रश्न अच्छे थे. लेकिन केंद्रीय मंत्रियों ने सामान्य प्रतिक्रियाएं दीं. हालांकि केंद्रीय मंत्री ने स्टार्ट-अप संस्थान के लिए 500 करोड़ रुपये निवेश करने का ऐलान किया है. यह अच्छा है, संस्थान से नए उद्यमी उभर कर आएंगे. देश में नए स्टार्ट अप लगेंगे तो रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. -दिलीप कुमार, कंप्यूटर सांइटिस्ट, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली.
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