किसानों को समृद्ध बनाने की दिशा में सरकार समय-समय पर कई योजनाएं लेकर आती रहती है. इस बीच सरकार की एक ऐसी ही योजना मौजूदा समय में किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रही है. दरअसल इस योजना का नाम 'मस्टर्ड मिशन' है. इस योजना के बाद सरसों की खेती करने वाले किसानों को भारी मुनाफा हो रहा है.
कृषि मंत्रालय से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि इस योजना के परिणामस्वरूप सरसों की पैदावार में जबरदस्त इजाफा हो रहा है और किसानों को अच्छी कीमत भी मिल रही है.
वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, इस योजना से पहले सरसों की पैदावार 90 लाख टन के करीब रहा करता थी, लेकिन इस योजना के बाद से यह 120 लाख टन हो गई है, जिसके चलते किसान खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं. इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि उच्च गुणवत्ता व पैदावार बढ़ाने वाले सरसों के बीजों के प्रयोग करने से सरसों की खेती में 100 फीसद तक का इजाफा हो सकता है. सरकार की इस योजना के तहत तकरीबन 368 जिलों पर अधिक जोर दिया गया. सरसों अनुसंधान निदेशालय के निदेशक डॉ पीके राय ने बताया कि अगर सरसों की खेती पर विशेष ध्यान व उचित तकनीक का इस्तेमाल किया जाए तो फिर इस फसल में जबरदस्त पैदावार करके भारी मुनाफा कमाया जा सकता है.
वहीं, सरसों की खेती में मौसम का भी बहुत बड़ा किरदार होता है. अगर मौसम अनुकूल रहे तो इस फसल में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की जा सकती है. राजस्थान के कारोबारी उत्तम चंद सरसों के खेती में किसानों के बढ़ते रूझान की वजह बताते हुए कहते हैं कि इस योजना में लोगों की दिलचस्पी बढ़ने का मुख्य कारण यह है कि इस वर्ष सरसों के दाम में तेजी आई है, जिसके चलते अच्छी कीमत पाने की उम्मीद में किसान सरसों की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं. खैर, अभी तक के सफर से इतना तो साफ है कि यह योजना किसानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रही है.
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