केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा व अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत के औषधीय और सुगंधित पौधों पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों जैसे कि मधुमेह (डायबिटीज मेलिटस) टाइप 2 के लिए समग्र प्रबंधन की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि आज भारत की आबादी के 65-70 प्रतिशत से भी अधिक लोगों की उम्र 40 साल से कम है और युवाओं को मधुमेह एवं दिल का दौरा पड़ना आगे चलकर मुख्य चुनौतियां बनने जा रही हैं, क्योंकि इनसे देश के युवा प्रभावित हो रहे हैं, जबकि राष्ट्र निर्माण के कार्य में उनकी विशेष अहमियत है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत में पिछले कुछ दशकों के दौरान बीमारियों में हुए परिवर्तन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत संक्रामक रोगों के युग के बजाय अब गैर-संक्रामक रोगों जैसे कि मधुमेह, दिल का दौरा, लिपिड विकार, उच्च रक्तचाप और अन्य चयापचय (मेटाबोलिक) रोगों के युग में प्रवेश कर गया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत सभी सुगंधित और औषधीय पौधों का मूल स्रोत एवं मूल जन्मस्थली है। उन्होंने इस तथ्य पर अफसोस जताया कि पिछले कुछ दशकों के दौरान भारतीय औषधीय पौधों पर ज्यादातर अनुसंधान भारत के बजाय अन्य देशों में हुए हैं। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने पूर्ववर्ती दशकों के दौरान इस दिशा में नजर आई खाई को अपनी ओर से पाटने की भरसक कोशिश की है। कृषि राज्य मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने इस अवसर पर कहा कि कृषि मंत्रालय औषधि पौधों एवं जड़ी-बूटियों को बढ़ावा देने के लिए अपेक्षाकृत ज्यादा व्यापक योजना तैयार करेगा और इस कार्य में विशेषज्ञों की मदद लेने की भी कोशिश करेगा।
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