MFOI Awards 2024: हरियाणा के झज्जर जिले के खरमाण गांव की रहने वाली प्रगतिशील डेयरी फार्मर रेनू सांगवान अपनी मेहनत, लगन और समर्पण से न केवल खुद को आत्मनिर्भर बना चुकी हैं, बल्कि हजारों किसानों और महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं. उनके द्वारा डेयरी फार्मिंग में अपनाए गए नवाचार और परिश्रम ने उन्हें देशभर में पहचान दिलाई है. आज उनका नाम किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए एक मिसाल बन चुका है.
रेनू सांगवान को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए कृषि जागरण द्वारा आयोजित और महिंद्रा ट्रैक्टर्स द्वारा प्रायोजित ‘मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स 2024’ (Millionaire Farmer of India Awards 2024) में मिलियनेयर डेयरी फार्मर ऑफ इंडिया कैटेगरी में ‘नेशनल अवार्ड’ मिला है, जो उनकी कृषि उद्यमिता और डेयरी फर्मिंग के क्षेत्र में किए गए शानदार योगदान का प्रमाण है. यह प्रतिष्ठित सम्मान 3 दिसंबर, 2024 को नई दिल्ली के पूसा में आईएआरआई ग्राउंड में एक भव्य समारोह के दौरान प्रदान किया गया.
यह पुरस्कार केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ कृषि जागरण के संस्थापक एवं प्रधान संपादक एम.सी. डोमिनिक, कृषि जागरण की प्रबंध निदेशक शाइनी डोमिनिक और महिंद्रा फार्म डिवीजन के मार्केटिंग सेवाओं के प्रमुख उज्ज्वल मुखर्जी और मंच पर मौजूद अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा प्रदान किया गया.
गौरतलब है कि रेनू सांगवान को “स्वदेशी गाय/भैंस नस्ल का पालन करने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान” कैटेगरी में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए 26 नवंबर 2024 को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया था. यह पुरस्कार दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में भारत सरकार द्वारा दिया गया था.
कृषि में उत्कृष्टता का उत्सव
कृषि जागरण द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के सहयोग से सह-आयोजक के रूप में आयोजित और महिंद्रा ट्रैक्टर्स द्वारा प्रायोजित एमएफओआई अवार्ड्स 2024, 1-3 दिसंबर, 2024 को आईएआरआई मेला ग्राउंड, पूसा, नई दिल्ली में आयोजित किया गया. तीन दिवसीय कार्यक्रम में कृषि में नवाचार और सहयोग का जश्न मनाने के लिए नीति निर्माताओं, उद्योग के नेताओं और प्रगतिशील किसानों सहित 1,000 से अधिक प्रभावशाली प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. 22,000 नामांकनों में से, लगभग 400 किसानों को इस किसान महाकुंभ में सम्मानित किया गया, साथ ही आने वाले महीनों में राज्य स्तरीय समारोहों में 1,000 और पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे.
डेयरी फार्मिंग की शुरुआत
कृषि जागरण से विशेष बातचीत में बताया कि उन्होंने 2017 में अपनी डेयरी फार्मिंग यात्रा की शुरुआत की. उनके पास शुरुआती दिनों में सिर्फ 9 देसी गायें थीं, लेकिन आज उनके फार्म पर 280 से अधिक गायें हैं. उनके फार्म का नाम गोकुल फार्म श्रीकृष्ण गोधाम है, जो पूरे देश में आदर्श डेयरी फार्म के रूप में देखा जाता है.
उन्होंने देसी नस्लों की गायों जैसे- साहीवाल, गिर, राठी, थारपारकर, और हरियाणा पर भरोसा किया. इन गायों का दूध न केवल स्वास्थ्यवर्धक होता है, बल्कि इनकी देखभाल में भी हाइब्रिड नस्लों की तुलना में कम खर्च आता है. उन्होंने गायों के लिए प्राकृतिक वातावरण तैयार किया, जिसमें गायें खुले चारागाह में घूमती हैं और हरा-भरा चारा खाती हैं.
देसी गायों का महत्व और लाभ
प्रगतिशील किसान का मानना है कि देसी गायें न केवल दूध के लिए अच्छी होती हैं, बल्कि वे पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद हैं. उनकी देखभाल में कम खर्च होता है, और ये गायें कठिन परिस्थितियों में भी बेहतर प्रदर्शन करती हैं. देसी नस्ल की गायों के दूध में औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो उन्हें हाइब्रिड नस्लों से अलग बनाते हैं. उनका मानना है कि किसान अगर देसी नस्लों को बढ़ावा दें, तो वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो सकते हैं.
डेयरी उत्पादों का वैश्विक बाजार
उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने डेयरी फार्मिंग व्यवसाय को न केवल दूध उत्पादन तक सीमित रखा, बल्कि उन्होंने दूध से बने उत्पाद जैसे- घी, पनीर, बर्फी और च्यवनप्राश को बाजार में उतारा. मौजूदा वक्त में उनके फार्म में बने घी की मांग न केवल भारत में, बल्कि 24 से अधिक देशों में है. उनका घी और अन्य उत्पाद उच्च गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध हैं. 2023-24 में उनके फार्म का कारोबार 3 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. यह उनकी और उनकी माता रेनू के दूरदर्शिता और मेहनत का परिणाम है.
चुनौतियां और उनका समाधान
प्रगतिशील किसान रेनू सांगवान ने अपने सफर में कई चुनौतियों का सामना किया. शुरुआती दिनों में उनके पास संसाधनों की कमी थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. उन्होंने गायों की देखभाल और प्रबंधन के नए तरीकों को अपनाया. डेयरी फार्मिंग में सबसे बड़ी चुनौती गायों को बीमारियों से बचाना होता है. उन्होंने इसे समझा और गायों के टीकाकरण और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया. इसके अलावा, उन्होंने उच्च गुणवत्ता वाले चारे का उपयोग किया, जिससे गायों का स्वास्थ्य बेहतर बना रहा.
MFOI अवार्ड्स की शुरुआत और उद्देश्य
मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया (MFOI) अवार्ड्स की शुरुआत कृषि जागरण के संस्थापक एवं प्रधान संपादक, एम.सी. डोमिनिक की दूरदर्शी सोच से हुई है. वही MFOI अवार्ड्स का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसानों को सम्मान मिले, उनके योगदान को उजागर किया जाए, और उनके द्वारा किए गए नवाचारों और सफलता की कहानियों को जनता तक पहुंचाया जाए. MFOI अवार्ड्स आयोजन किसानों के लिए एक विशेष मंच प्रदान करता है, जहां वे अपनी उपलब्धियों और संघर्षों को साझा करते हैं और दूसरों से प्रेरणा प्राप्त करते हैं.
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