Ethylene Oxide IN MDH and Everest: कुछ समय पहले देश के 2 बड़े मसाला ब्रांड एमडीएच (MDH) और एवरेस्ट (Everest) की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठे थे. मसालों में एथिलीन ऑक्साइड (ईटीओ) होने की बात कही गई थी, जिसके बाद हर कोई इनके सेवन से डर गया था, लेकिन अब भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने मसालों में इनमेंएथिलीन ऑक्साइड (ETO) न होने की बात कही है.
FSSAI ने मंगलवार को बताया कि इन दोनों ब्रांडों के मसालों के नमूनों की टेस्टिंग में कैंसर पैदा करने वाले कैमिकल एथिलीन ऑक्साइड (ETO) का कोई नामो निशान नहीं मिला है. आपको बता दें कि एथिलीन ऑक्साइड से कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है. सूत्रों ने बताया कि 28 मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में इन मसालों की टेस्टिंग की गई थी, जिसमें एथिलीन ऑक्साइड का कोई निशान नहीं मिला है. हालांकि 6 अन्य प्रयोगशालाओं की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है.
पिछले महीने लिए गए थे नमूने
आपको बता दें कि हांगकांग खाद्य प्राधिकरण द्वारा महाशियान डि हट्टी प्राइवेट लिमिटेड (एमडीएच) और मेसर्स एवरेस्ट फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (एवरेस्ट) द्वारा बेचे जाने वाले कुछ मसालों में लिमिट से अधिक ईटीओ स्तर की चिंता जताए जाने के बाद जांच की गई थी. पिछले महीने FSSAI ने गुणवत्ता संबंधी चिंताओं को देखते हुए देश भर से एमडीएच और एवरेस्ट सहित सभी ब्रांडों के पाउडर के रूप में मसालों के नमूने लेना शुरू कर दिया था. हांगकांग प्राधिकरण द्वारा प्रोडक्ट्स को वापस लेने और सिंगापुर के साथ दोनों कंपनियों के कुछ उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने के बाद FSSAI ने पिछले महीने एक निरीक्षण अभियान शुरू किया था.
FSSAI ने लिए थे 34 नमूने
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फूड रेगुलेटर ने टेस्टिंग के लिए एवरेस्ट और MDH मसालों के 34 नमूने लिए गए थे. महाराष्ट्र और गुजरात में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स से एवरेस्ट के नौ मसालों के नमूने एकत्र किए गए, जबकि दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में एमडीएच के प्रोडक्शन सेंटरों से 25 नमूने एकत्र किए गए. एएनआई ने आगे बताया कि FSSAI ने मसाले के नमूनों में एथिलीन ऑक्साइड के लेवल को टेस्ट किया, इसके साथ ही नमी की मात्रा, कीट और rodent contamination,हेवी मेटल्स , एफ्लाटॉक्सिन, कीटनाशक अवशेष और विभिन्न microbiological contaminants सहित कई पैरामीटर्स को चेक किया गया.
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300 अन्य मलासों की भी हुई जांच
रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि FSSAI ने न केवल एमडीएच और एवरेस्ट की परीक्षण रिपोर्ट का विश्लेषण किया, बल्कि अन्य ब्रांडों के 300 से अधिक मसालों के नमूनों का भी विश्लेषण किया, हालांकि खाद्य नियामक को कैंसर पैदा करने वाले पदार्थ के निशान नहीं मिले, जिससे पता चलता है कि भारतीय प्रोडक्ट खाने के लिए सुरक्षित हैं.
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