कोविड-19 महामारी की वजह से पैदा हुई कृषि से संबंधित तमाम चुनौतियों के बावजूद, भारत ने इस सीजन में कई नए देशों में आम का निर्यात किया है. इसी क्रम में 10 जुलाई को पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में होने वाले जियोग्राफिकल आइडेंटिफिकेशन (जीआई) प्रमाणित फजली आम की एक खेप को बहरीन निर्यात किया है. बता दें कि आम की फजली किस्म (Mango Variety Fazli) की खेप को एपीडा द्वारा पंजीकृत डीएम इंटरप्राइजेज, कोलकाता द्वारा निर्यात किया गया है, वहीं बहरीन की अल जजीरा समूह द्वारा आयात किया गया है.
गौरतलब है कि एपीडा (APEDA) गैर-पारंपरिक क्षेत्रों और राज्यों से आम के निर्यात (Export of Mango) को बढ़ावा देने के लिए कई पहल कर रहा है. इसके अलावा, एपीडा आम के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए खरीदारों और विक्रेताओं के बीच आभासी बैठकें और फेस्टिवल आयोजित करता रहा है. इसने हाल ही में जर्मनी के बर्लिनमें ‘मैंगो फेस्टिवल’ का आयोजन किया था.
जीआई प्रमाणित आम की 9 किस्मों की हुई प्रदर्शनी
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि बहरीन को भेजी गई इस खेप का सौदा एपीडा द्वारा कतर के दोहा में आम से संबंधित प्रचार कार्यक्रम आयोजित करने के कुछ ही दिनों बाद हुआ. इस प्रचार कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के जीआई प्रमाणित किस्म सहित 9 किस्मों के आम आयातक फैमिली फ़ूड सेंटर के स्टोर में प्रदर्शित किए गए थे.
जीआई प्रमाणित आम की 9 किस्मों का किया गया निर्यात
जिन 9 किस्मों का निर्यात किया गया है उनमें जीआई प्रमाणित खिरसापति (मालदा, पश्चिम बंगाल), लखनभोग (मालदा, पश्चिम बंगाल), फजली (मालदा, पश्चिम बंगाल), दशहरी (मलीहाबाद, उत्तर प्रदेश), आम्रपाली एवं चौसा (मालदा, पश्चिम बंगाल) और लंगड़ा (नदिया, पश्चिम बंगाल) शामिल हैं.
जीआई प्रमाणित 2.5 मीट्रिक टन आम हुआ निर्यात
इस सीजन में पहली बार, भारत ने हाल ही में आंध्र प्रदेश के कृष्णा और चित्तूर जिले के किसानों से प्राप्त जीआई प्रमाणित बंगनपल्ली और सुरवर्णरेखा नाम के आम की एक अन्य किस्म के 2.5 मीट्रिक टन (एमटी) की एक खेप भेजी है.
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