MP Cabinet: मध्य प्रदेश के किसानों के लिए बड़ी खबर है. राज्य सरकार ने गेहूं किसानों के लिए बड़ा ऐलान किया है. अब प्रदेश के किसानों को गेहूं का अधिक दाम मिलेगा. दरअसल, आज (11 मार्च, 2024) हुई मध्य प्रदेश कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. जिसमें एक फैसला गेहूं किसानों के हित में लिया गया. सरकार ने गेहूं पर 125 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बोनस देने का ऐलान किया है.
सरकार के इस फैसले के बाद अब किसानों को गेहूं 2400 रुपये क्विंटल के भाव से मिलेगी. अभी तक किसानों को गेहूं का भाव 2275 रुपये की दर से मिल रहा था. लेकिन बोनस जोड़ने के साथ गेहूं का भाव 2400 रुपये हो गया है. इसका मतलब है कि किसानों को इस साल गेहूं की सरकारी बिक्री पर 2400 रुपये का भाव मिलेगा.
गेहूं किसानों को बड़ी राहत
बता दें कि सोमवार को मध्य प्रदेश कैबिनेट की एक अहम बैठक हुई. बैठक के दौरान कई अहम फैसले लिए गए. जिसमें गेहूं के एमएसपी पर बोनस देने का भी फैसला लिया गया. इस फैसले के अनुसार, गेहूं के मौजूदा एमएसपी पर 125 रुपये का बोनस जोड़कर दिया जाएगा. इस प्रकार, किसानों के खाते में प्रति क्विंटल 2400 रुपये आएंगे. गेहूं किसानों के लिए यह बड़ी और राहत भरी खबर है.
अन्य राज्यों ने भी बढ़ाया गेहूं का दाम
ऐसा नहीं है की सिर्फ मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए ये फैसला लिया है. इससे पहले कई अन्य राज्य सरकारें भी बोनस का ऐलान कर चुकी हैं. जिमसें छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्य शामिल हैं. उसी तरह उत्तर प्रदेश सरकार ने भी गेहूं की खरीद के लिए मूल्य बढ़ाने का निर्णय लिया है. हाल ही में राजस्थान सरकार ने इसकी घोषणा की है. राजस्थान में एमएसपी को पिछले वर्ष से 150 रुपये बढ़ा दिया गया है. इस वर्ष गेहूं का एमएसपी 2275 है और उस पर राजस्थान सरकार 125 रुपये का बोनस दे रही है. इस प्रकार राजस्थान में 2400 रुपये के भाव पर गेहूं की खरीद की जा रही है.
इन फैसलों पर भी लगी मुहर
सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. सरकार के एक प्रवक्त ने बताया कि पीएम एयर एम्बुलेंस योजना के तहत एक हेलीकॉप्टर और एक विमान को उपयोग में लिया जाएगा. आयुष्मान कार्ड धारकों को नि:शुल्क सेवाएं प्रदान करने के लिए अन्य अस्पतालों तक पहुंचाने की सुविधा दी जाएगी. मरीज के संबंध में कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा अधिकारी निर्णय लेंगे. सरकार ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसमें बैगा, सहरिया और भारिया जैसी अति पिछड़ी जनजातियों के घरों में बिजली पहुंचाने का फैसला लिया गया है. यदि ऐसी जनजातियों के लोग जंगलों में निवास कर रहे हैं, तो उनके घरों में सौर ऊर्जा का उपयोग कर बिजली पहुंचाई जाएगी.
वहीं, हर जिले के अस्पताल में शव परिवहन वाहन की व्यवस्था भी की जाएगी. शव को निःशुल्क लेजाने के लिए, कलेक्टर और सीएमओ को अधिकृत किया गया है, ताकि वे शव वाहन उपलब्ध कर सकें. इसके अलावा, केंद्र प्रायोजित योजना के तहत राज्य में 13 नर्सिंग कॉलेज शुरू किए जाएंगे. वहीं. किसानों के लिए खाद और यूरिया की आपूर्ति के लिए मध्य प्रदेश मार्केटिंग संघ को नोडल एजेंसी के रूप में चुना गया है.
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