कृषि जागरण ने गुरुवार, 7 जुलाई को "फसल बीमा" किसानों की आय में जोखिम उन्मूलन" नामक एक लाइव वेबिनार की मेजबानी की. फसल बीमा सप्ताह, जो 1 जुलाई से 7 जुलाई तक चलता है, वेबिनार के लिए प्रेरणा था. भारत के कई प्रतिष्ठित स्पीकरों ने सत्र में भाग लिया और अपने विचार साझा किए. वेबिनार का मुख्य उद्देश्य फसल बीमा के महत्व पर जोर देना और किसानों को यह दिखाना था कि इस बीमा के जरिए फसल के नुकसान का मुआवजा कैसे पा सकते हैं.
फसल बीमा क्या है? (What is crop insurance)
फसल बीमा एक प्रकार की बीमा पॉलिसी है, जो किसानों को प्राकृतिक आपदाओं या बाजार में बिक्री के कारण फसल की पैदावार में अप्रत्याशित नुकसान से बचाती है. फसल बीमा को दो प्रकारों में बांटा गया है: फसल-उपज बीमा और फसल राजस्व बीमा.
फसल बीमा अनुमानित राजस्व को अप्रत्याशित पैदावार या फसल की मात्रा से बचाता है, जबकि फसल-राजस्व बीमा फसल की बिक्री कीमतों में बाजार के उतार-चढ़ाव से आय की रक्षा करता है. दोनों प्रकार के बीमा अप्रत्याशित घटनाओं के कारण होने वाली आपदाओं से उबरने में कृषि उत्पादकों की सहायता कर सकते हैं. फसल-उपज बीमा उत्पादकों को उपज या फसल के नुकसान से बचाने के लक्ष्य के साथ आग, सूखा या बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं को कवर कर सकता है.
किसानों के लिए फसल बीमा क्यों महत्वपूर्ण है? (Why is crop insurance important for farmers)
कृषि दुनिया की लगभग 65 प्रतिशत आबादी को रोजगार देती है और यह एक खाद्य और आजीविका के लिए आर्थिक क्षेत्र है. मौसम, अपर्याप्त या असंगत वर्षा, आर्द्रता, सूखा, बाढ़, आग, कीटों का हमला, पौधों से संबंधित बीमारियां और अन्य प्राकृतिक अनिश्चितताएं दुनियाभर के कृषि उत्पादकों के लिए आम चुनौतियां हैं.
वेबिनार के अहम बिंदु (Highlights of the webinar)
इस सत्र को कृषि जागरण के फेसबुक पेज पर सीधा प्रसारण किया गया. कृषि जागरण की कंटेंट मैनेजर (हिंदी) श्रुति जोशी निगम ने सभी अतिथि वक्ताओं का स्वागत करते हुए वेबिनार की शुरुआत की. उन्होंने पीएम फसल बीमा योजना के लक्ष्य और फसल बीमा के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि सरकार ने फसल बीमा लाभों का दावा करने में किसानों की सहायता के लिए भी कई कदम उठाए हैं. पीएम फसल बीमा योजना ऐसी ही एक पहल है. कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने खरीफ सीजन 2016 के दौरान भारत में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) पहल शुरू की.
एम.सी. डोमिनिक, कृषि जागरण के संस्थापक और प्रधान संपादक, ने ऑनलाइन कार्यक्रम का संचालन किया. उन्होंने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का अभिवादन किया. उत्तर प्रदेश के अकोरी जालौन के बृजेश त्रिपाठी को इस विषय पर अपने विचार और राय व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया गया था.
बृजेश त्रिपाठी ने सभी को बधाई दी और कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान फसल बीमा हमारी वित्तीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है. किसानों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाने के लिए, उन्होंने अनुरोध किया कि सरकार प्रत्येक गांव का जमीनी स्तर पर विश्लेषण करें और उस क्षेत्र में उत्पादित प्रमुख फसल के आधार पर बीमा प्रदान करें. उन्होंने किसानों को फसल बीमा प्रदान करने की दिशा में इतना महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए सरकार को धन्यवाद दिया. PMFBY जैसी पहलों से किसानों को लाभ होता है क्योंकि उन्होंने फसल में जितना श्रम और पैसा लगाया है, उसकी भरपाई की जाएगी और बर्बाद नहीं होगी.
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के क्रेडिट डिवीजन के सहायक आयुक्त सुनील कुमार ने किसानों के लिए इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर इस तरह के वेबिनार के आयोजन के लिए कृषि जागरण टीम को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, "फसल बीमा कृषक समुदाय की वित्तीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है," जैसा कि हम सभी जानते हैं, कृषि क्षेत्र पर्यावरणीय परिवर्तनों के प्रति अत्यंत संवेदनशील है, और जलवायु परिवर्तन वर्तमान में इसके लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम पैदा कर रहा है, जिससे किसानों पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है. PMFBY सुचारू रूप से चल रहा है, और सरकार किसानों का विश्वास बनाए रखने के लिए नियमित आधार पर आवश्यक सुधारों को लागू करती है।"
राजेश कुमार गुप्ता, निदेशक, कृषि सांख्यिकी और फसल बीमा, उत्तर प्रदेश सरकार ने पीएमएफबीवाई के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला, कहा कि यह योजना का उद्देश्य-
- अप्रत्याशित घटनाओं के कारण फसल के नुकसान / क्षति का सामना करने वाले किसानों को मुआवजा देने के लिए.
- खेती जारी रखने के लिए किसानों की आय को स्थिर करना
- किसानों को नवीन और आधुनिक कृषि पद्धतियों और प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना; तथा
- कृषि क्षेत्र को ऋण का प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए, जो किसानों को उत्पादन जोखिमों से बचाने के अलावा, खाद्य सुरक्षा, फसल विविधीकरण, और कृषि क्षेत्र की वृद्धि और प्रतिस्पर्धात्मकता में योगदान देगा।
बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के कृषि व्यवसाय के प्रमुख आशीष अग्रवाल ने इस वेबिनार को उचित समय पर आयोजित करने के लिए कृषि जागरण टीम को बधाई दी, क्योंकि किसान खरीफ सीजन 2022 में नामांकन करने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हर साल 5.5 करोड़ से अधिक किसान इस योजना में नामांकन करते हैं और इसके प्रावधानों से लाभान्वित होते हैं. सरकार ने पूरे देश में इस योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए नई पहल भी शुरू की है.
पीयूष सिंह, राष्ट्रीय प्रमुख, कृषि और सरकारी व्यवसाय, एसबीआई जनरल इंश्योरेंस ने कहा कि PMFBY और RWBCIS योजनाओं के तहत ऋणी और गैर-ऋणी दोनों किसानों का बीमा किया जा सकता है. ऋणी किसान वे सभी किसान हैं जिन्होंने अधिसूचित फसलों के मौसमी कृषि कार्यों (SAO) के लिए एक या अधिक वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त किया है. जिन किसानों को किसी मान्यता प्राप्त वित्तीय संस्थान से ऋण नहीं मिला है, उन्हें गैर-ऋणी किसान कहा जाता है.
उन्होंने यह भी कहा कि ऋण लेने वाले किसानों को उन बैंकों द्वारा बीमा किया जाना आवश्यक है जिनसे वे फसल ऋण प्राप्त करते हैं. गैर-ऋणी किसान सीएससी केंद्रों या बीमा कंपनी के कार्यालयों में जाकर अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं. किसान बैंकों या बीमा कंपनी एजेंटों और दलालों से भी संपर्क कर सकते हैं, या किसान पोर्टल पर ऑनलाइन जाकर आवेदन सकते हैं
निवेदिता मंडल, उपाध्यक्ष, कृषि और ग्रामीण व्यापार समूह, एचडीएफसी (HDFC) – एर्गो ने कहा कि PMFBY 2016 में लागू किया गया इससे पहले भी फसल बीमा होता था, लेकिन मैनुअल तरीके से होता था, और बीमा की बुकिंग भी मैनुअल होती थी, लेकिन अब भारत सरकार द्वारा फसल बीमा पोर्टल बनाया गया है जिसके माध्यम से किसान बैंक, सीएसई (CSE) , डाकघर आदि में जाकर अपना बीमा करवा सकते हैं जिसे कार्य आसान तथा पारदर्शी होने लगा है”. उनहोंने कहा कि हमारी कंपनी ने भी किसानों के लिए एक एप बनाई है जिससे माध्यम से हम फसल की कटाई की पूरी जानकारी प्राप्त करते हैं. आपदा के पूर्वानुमान जैसे बाढ़, साइक्लोन से पहले भी हम किसानों को एसएमएस के जरिए सचेत करते है. हमने किसानों के लिए एक वाट्सऐप नं भी जारी किया है जिसके द्वारा किसान फसल बीमा से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते है तथा बीमा की स्थिती भी जान सकते हैं.
विभाश कुमार, जनरल मैनेजर, सामान्य सेवा केंद्र, ने कहा कि “फसल बीमा योजना में CSC की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. किसान भाई किसी भी निकटतम CSC सेंटर पर जाकर वहां से इस योजना की पूरी जानकारी प्राप्त सकते हैं, CSC के सारे कर्मचारी पूरी तरह से प्रशिक्षित होते हैं, CSCE स्टाफ किसानों को आवेदन करने में मदद करता है, तथा उनके दस्तावेजों में आ रही दिक्कतों में भी सहायता करता है. हम देख रहे है कि किसान काफी संख्या में CSC द्वारा अपना पंजीकरण करवा रहे हैं.
अजय के सिंह, नेशनल प्रोग्राम लीड, टेक यूनिट सपोर्ट, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, उन्होंने कहा कि इस योजना का मुख्य लक्ष्य किसानों को सशक्त बनाना और उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करके उन्हें आत्मानिर्भर बनाना है. PMFBY का नया लक्ष्य किसानों के लिए नई कृषि तकनीक लाना और उसे धरातल पर लागू करना है. उन्होंने यह भी बताया कि हम वर्तमान में कृषक समुदाय की चिंताओं को लेकर काम कर रहे हैं और एक उचित शिकायत निवारण तंत्र के माध्यम से उनका समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं.
इसके अलावा नीतीश कुमार, जिला प्रबंधक बलिया उ.प्र, प्रमोद कुमार नाग, उप महाप्रबंधक, योजना एवं विकास राजस्थान, मुकेश माथुर, संयुक्त निदेशक, फसल बीमा, सरकार राजस्थान, ने भी अपने विचार कृषि जागरण के वेबिनार में व्यक्त किए.
अंत में सभी अतिथिगणों का धन्यवाद के साथ आभार प्रकट कर कृषि जागरण के मुख्य परिचालन अधिकारी डॉ. पीके पंत (COO) ने कार्यक्रम का समापन किया.
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