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एग्रीकल्चर कॉलेज के चुनाव से पहले ऐसे जांचें मान्यता, फर्जी संस्थानों से रहें सावधान

आपको पता ही है कि स्कूल की पढ़ाई पूरी होने के बाद नए कोर्स और कॉलेज चुनने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. अच्छे भविष्य के लिए किस तरह का कोर्स चुनना चाहिए, इस बात को लेकर सभी के अपने-अपने मत हैं. वहीं बहुत से बच्चे ऐसे भी हैं, जिन्होंने भारी मांग और सुनहरे संभावनाओं को देखते हुए एग्रीकल्चर के क्षेत्र में अपने करियर को चुनने का मन बना लिया है.

सिप्पू कुमार

आपको पता ही है कि स्कूल की पढ़ाई पूरी होने के बाद नए कोर्स और कॉलेज चुनने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. अच्छे भविष्य के लिए किस तरह का कोर्स चुनना चाहिए, इस बात को लेकर सभी के अपने-अपने मत हैं. वहीं बहुत से बच्चे ऐसे भी हैं, जिन्होंने भारी मांग और सुनहरे संभावनाओं को देखते हुए एग्रीकल्चर के क्षेत्र में अपने करियर को चुनने का मन बना लिया है.

एग्रीकल्चर की पढ़ाई और करियर

अगर आप भी एग्रीकल्चर से जुड़ा कोई कोर्स करना चाहते हैं, तो इस क्षेत्र में आपका स्वागत है. निसंदेह आज के समय में खेती का मतलब सिर्फ पशुपालन, कृषि या बागवानी नहीं है. बदलते हुए समय के साथ शिक्षा के ग्लोबल एनवायरनमेंट ने कृषि क्षेत्र को प्रबंधन, विज्ञान एवं बायोलॉजी आदि से जोड़ दिया है. यही कारण है कि एग्रीकल्चर सेक्टर में नए कोर्सों का उदय हुआ है. सामान्य तौर पर आज डिप्लोमा, स्नातक या परा-स्नातक डिग्री लेकर क्षात्र अपना करियर बना रहे हैं.

फर्जी कॉलेजों से सावधान

कृषि जगत में शिक्षा के बढ़ते हुए रूझानों को देखते हुए कई संस्थान एग्रीकल्चरल सर्टिफिकेट प्रोग्राम्स चला रहे हैं. एग्रीकल्चर साइंस या फिशरीज साइंस, प्लांट साइंस, बायो-फ़र्टिलाइज़र प्रोडक्शन, एग्रीकल्चर, डेरी साइंस, आदि नए कोर्स भी अस्तित्व में आ गए हैं. लेकिन मूल प्रश्न तो यही है कि क्या इस तरह के कोर्स को चलाने की अनुमति संस्थान को है.

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जांचें मान्यता

एग्रीकल्चरल सेक्टर में किसी भी कॉलेज या यूनिवर्सिटी का चुनाव करने से पहले इस बात की जांच करें कि क्या यूजीसी (University Grants Commission) और नाक (National  Assessment and Accreditation Council) से उसे मान्यता प्राप्त है.

संसाधनों पर ध्यान दें

किसी भी शिक्षा को प्राप्त करने के लिए मूल संसाधनों का होना जूरूरी है. लेकिन संसाधनों का मतलब बड़ी-बड़ी चमकदार इमारतों से नहीं है. कॉलेज के चुनाव से पहले वहां के प्रयोगशालाओं, लाइब्रेरी, शैक्षिक गतिविधियों और मूल सुविधाओं पर ध्यान दें.

प्लेसमेंट का आंकलन करें

किसी भी कॉलेज का चुनाव करते समय कही-सुनी बातों पर ध्यान देने की जगह पिछले पांच सालों के प्लेसमेंट रिकार्ड्स को देखें. छात्रों का प्लेसमेंट अपने आप में बहुत कुछ बताता है. इसी तरह वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों, प्रोफेसर्स, लेक्चरार आदि की प्रोफाइल भी देखें.  

(आपको हमारी खबर कैसी लगी? इस बारे में अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें. इसी तरह अगर आप पशुपालन, किसानी, सरकारी योजनाओं आदि के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो वो भी बताएं. आपके हर संभव सवाल का जवाब कृषि जागरण देने की कोशिश करेगा)

English Summary: keep these things in your mind before choosing any agriculture college or courses Published on: 19 June 2020, 01:50 PM IST

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