अगर कोशिशें रंग लाई तो उत्तराखंड भी पूर्वी राज्यों के तरह ही हॉर्टी टूरिज्म (औद्यानिकी पर्यटन) से अपनी आर्थिकी सवारने में अहम भूमिका निभाएगा. उद्यान विभाग के चौबटिया और धनोल्टी स्थित राजकीय उद्यानों में यह पहल चालू क्र दी गई है. इस पहल के अच्छे परिणाम को देखते हुए राज्य सरकार ने ब सेलाकुई, ढ़ालवाला, रामगढ़ और मजखाली में इसे पहले की चलाएगी. इसके लिए इसकी एक कार्ययोजना बनाई गई है. सरकार का मानना है की हॉर्टी टूरिज्म (औद्यानिकी पर्यटन) के जरिए राज्य में रोजगार की संभावनाएं बढ़ सकती हैं.
आप को बता दें की पूर्वी राज्यों में चाय के बागानों के आलावा बागों को पर्यटन के लिहाज से भी बनाया गया है इसके अच्छे नतीजे भी मिले हैं. इस तकनीकी को देखते हुए उत्तराखंड में पहल चालू की गई है और चौबटिया (रानीखेत) स्थित उद्यान विभाग के पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय उद्यान के दरवाजे पर्यटकों के लिए खोले गए. वहां पर्यटक सूचना केंद्र, ढाई किमी का पैदल ट्रैक, आदर्श उद्यान, पुष्प वाटिका, सेब समेत अन्य उत्पादों की बिक्री को केंद्र समेत अन्य कदम उठाए गए.
बता दें की अकेले ही बटिया उद्यान में प्रतिवर्ष 60 से 80 हजार सैलानी आ जाते है. ये सैलानी न ही बागों का लुफ़्त उठाते हैं इसके आलावा फलों का भी मजा लेते है. यही पहल धनोल्टी (टिहरी) के राजकीय उद्यान में भी चालू की गई है. इसके भी अच्छे नतीजे आये है अब इस पहल को आगे बढ़ाने के राज्य सरकार तो हॉर्टी टूरिज्म का विस्तार करने का मन बना लिया है. कृषि मंत्री सुबोध उनियाल कहते हैं की अब सेलाकुई (देहरादून) में सगंध पौधा केंद्र के फार्म, ढालवाला (ऋषिकेश) में हर्बल पार्क और उद्यान विभाग के रामगढ़ (नैनीताल) व मजखाली (अल्मोड़ा) के बागों को सैलानियों के लिए खोल दिए जायेंगे. ये फार्म व उद्यान सगंध पौधों, जड़ी-बूटी के साथ ही सेब समेत अन्य फलों के लिए जाने जाते हैं.
मंत्री का कहना है की हॉर्टी टूरिज्म को बढ़ावा देने से रोजगार पैदा होगा. इसके लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है. इसमें राजकीय उद्यानों व फार्मों को नज़दीक के प्रमुख स्थलों से भी जोड़ा जाएगा, ताकि सैलानी वहां के नजारों का भी आनंद उठा सकें. यही नहीं, राजकीय उद्यानों में पर्यटकों के ठहरने की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है. धीरे-धीरे इस पहल को प्रदेशभर में फैलाया जाएगा.
उत्तराखंड में राजकीय उद्यान
जनपद संख्या क्षेत्रफल हेक्टयर में
पिथौरागढ़ 15, 116.50
चमोली, 12 77.57
अल्मोड़ा 11 302.10
पौड़ी 09 39.30
नैनीताल 09 188.01
देहरादून 08 55.85
उत्तरकाशी 07 73.40
टिहरी 06 70.56
चंपावत 06 44.14
ऊधमसिंहनगर 04 44.77
रुद्रप्रयाग 03 10.25
बागेश्वर 02 30.05
हरिद्वार 01 5.13
प्रभाकर मिश्र, कृषि जागरण
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