पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में किसानों के मुद्दों पर राजनीति गरमाने लगी है. एक तरफ जहां बीजेपी पीएम किसान नीधि योजना आदि के बल पर वोट लेने की कोशिश कर रही है, तो वहीं ममता बनर्जी ने सिंगूर भूमि पर पासा फेंका है.
सिंगूर में औद्योगिक पार्क की स्थापना
किसानों की बात करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने एक भाषण में कहा कि अगर लोग उन्हें एक और मौका देंगे, तो कृषि क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने पर वो काम करेंगी. इसके साथ ही उन्होंने वचन दिया कि वो हुगली जिले के सिंगूर में एक कृषि औद्योगिक पार्क की स्थापना भी करेंगी.
भूमि की घेराबंदी
अपने एक भाषण में राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सिंगुर रेलवे स्टेशन के पास भूमि की घेराबंदी की जा रही है, ताकि लघु उद्योग विकास निगम द्वारा एक और कृषि औद्योगिक पार्क का विकास किया जा सके.
किसानों की भूमि पर बीजेपी की नजर
ममता ने कहा कि बीजेपी ने ना तो देश के किसानों के लिए कुछ किया है और ना ही प्रदेश के किसानों के लिए कुछ करने की उसकी कोई मंशा है. जबकि बंगाल में किसानों की भलाई के लिए उनकी सरकार कई अहम काम कर चुकी है. पनागढ़ औद्योगिक पार्क की बात करते हुए ममता ने आरोप लगाया कि बीजेपी किसानों की जमीन पर नजर गड़ाए हुए है, जबकि हमने एक इंच जमीन भी अधिग्रहित नहीं की.
सिंगूर पर सुवेंदु और ममता आमने-सामने
गौरलतब है कि इस समय सिंगूर भूमि को लेकर ममता और सुवेंदु आमने-सामने हो गए हैं. सुवेंदु का योगदान नंदीग्राम और सिंगूर के आंदोलन में अहम माना जाता है. बंगाल में एक समय तक ममता के खास रहे सुवेंदु अधिकारी ही आज किसानों के मुद्दे पर उन्हें घेर रहे हैं. बर्द्धमान जिले की एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने ये तक कह दिया कि सिंगूर किसान आंदोलन के वक्त अगर भाजपा साथ नहीं देती, तो ममता सीएम नहीं बन पाती. ध्यान रहे कि उस समय के तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने ही ममता का अनशन तुड़वाया था.
क्या था सिंगूर आंदोलन
2011 में टाटा कंपनी ने एक प्लांट सिंगूर में लगाने का फैसला किया था, जिसके लिए उसे भूमि की जरूरत थी. ये मामला कुछ 400 एकड़ जमीन का था और प्लांट कृषि भूमि पर बनाया जा रहा था. इस मामले को लेकर तृणमूल सरकार किसानों के साथ विद्रोह में खड़ी हो गई और आखिरकार टाटा को बंगाल की जगह गुजरात में अपना प्लांट लगाना पड़ा. इस आंदोलन का बड़ा लाभ ममता बनर्जी को मिला और उन्हें देश में एक नई पहचान मिली.
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