कृषि विज्ञान केन्द्र, महेन्द्रगढ़ के द्वारा 21 सितम्बर, 2024 को अनुसूचित जाति उप-परियोजना के अन्तर्गत गांव नांवा में ग्वार खेत दिवस का आयोजन किया गया. केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डा. जयलाल यादव ने इस अवसर पर बताया कि किसानों को वैज्ञानिक जानकारी न होने के कारण बहुत से किसान ग्वार फसल की पूरी पैदावार नहीं ले पाते तथा पुराने, रूढ़िवादी तरीके अपनाने के कारण हर साल नुकसान उठा रहे हैं.
जैविक खाद और उन्नत किस्म
किसानों को जल संरक्षण, जैविक खादों तथा उन्नत किस्मों से ग्वार फसल की बिजाई की ओर विशेष ध्यान देना होगा. बीज उपचार जैसे सस्ते व कारगर तरीकों की जानकारी प्राप्त कर एक आदत के रूप में अपनाना होगा ताकि फसलों को बीज-जनित व भूमि-जनित रोगों व कीटों से बचाया जा सके.
गवार की फसल में रोग की रोकथाम
उन्होंने कहा कि, किसानों गवार के उखेड़ा रोग की रोकथाम के लिए कार्बनडाजिम द्वारा बीज को उपचारित करके बोएं. केंद्र के वैज्ञानिक डा. नरेन्द्र यादव ने किसानों को ग्वार फसल से मिलने वाले पोषक तत्वों के बारे में बताया. नुकसान पहुंचने वाले कीटों के बारे में जानकारी दी तथा उनके नियंत्रण के बारे में बताया.
ग्वार की उन्नत किस्में
उन्होंने किसानों को ग्वार की उन्नत किस्में जैसे एच. जी. - 365, एच. जी. - 563 तथा एच. जी. – 2-20 से बिजाई करने की सलाह दी. जागरुकता शिविर में किसानो को ग्वार फसल में नुकसान पहुंचने वाले खरपतवारो के बारे में जानकारी दी तथा उनके नियंत्रण के बारे में भी बताया गया. केन्द्र की गृह विज्ञान विशेषज्ञ डा. पूनम यादव ने उन्होंने उपस्थित किसानों को राष्ट्रीय पोषण माह के बारे में जानकारी दी . इस कार्यक्रम में अनुसूचित जाति के 35 किसानों ने भाग लिया .
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