महिलाओं के पर यदि अच्छे कामों के लिए निकलते हैं तो उन्हें कतरना नहीं चाहिए. ऐसा ही जज़्बा रांची के गांव में रहने वाली एक महिला ने भी दिखाया है जहां वो ट्रैक्टर लेकर खेत में कूद पड़ी और खेती करने लगीं.
फतवा ना मानने पर सामाजिक बहिष्कार का आदेश (Social boycott order for not obeying fatwa)
इस महिला का ये साहस वहां रह रहे गांव वालों से बर्दाश्त नहीं हुआ, जिसको लेकर उन्होंने मिलकर इसके खिलाफ फतवा जारी कर दिया. गांव वालों ने पंचायत बुलाकर इस महिला पर सख्त कार्यवाही करने की सोची, जिसके चलते इन्होंने महिला पर जुर्माना लगाने की घोषणा की. साथ ही, उससे माफ़ी मांगने को भी कहा गया और अगर वो ऐसा नहीं करती है, तो सामाजिक बहिष्कार का भी फरमान जारी किया गया.
महिला का दो-टूक जवाब (Women's Answer)
ऐसे में महिला ने अपने तेवर बदलते हुए यह प्रण लिया कि वो गांव वालों के किसी भी नौटंकियों का पालन नहीं करेगी और अपने आप को एक सफल प्रगतिशील किसान (Successful Progressive Farmer) के रूप में स्थापित करेगी.
कहां की है ये महिला? (Who is Tractor Women)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह मामला झारखंड के गुमला जिले के डहू गांव का है. इस साहसी लड़की का नाम मंजू उरांव (Manju Oraon) है. यह बीए फर्स्ट ईयर की एक छात्रा है और इनके माता-पिता एक किसान हैं.
इनके परिवार के पास 6 एकड़ की ज़मीन है, जो पूर्ण रूप से खेती के लिए योग्य है. इनका परिवार कई सालों से परंपरागत तरह से खेती के तरीके (Traditional Farming) को अपनाता हुआ आ रहा है. यहां सिंचाई और नई तकनीक (Irrigation and New Techniques) की कोई ज़्यादा सुविधा नहीं है, लेकिन जो कुछ भी मिल पता है, उस पर निर्भर होकर इनकी गृहस्ती चल रही थी.
अपनी कमाई से ख़रीदा ट्रैक्टर (Buy Tractor by Own)
मंजू का मन पारंपरिक खेती से नई तकनीक पर जाने का था, जिसके लिए उनके कहने पर घरवालों ने करीब 2 साल पहले 10 एकड़ ज़मीन लीज़ पर ली थी. इसमें उन्होंने टमाटर, आलू, धान और मकई समेत अन्य फसलों की बुवाई की. जिससे आगे चलकर इन्हें ख़ासा मुनाफा हुआ और वर्तमान वर्ष की खेती के लिए एक पुराना ट्रैक्टर खरीद लिया.
इसके बाद वह खुद ही ट्रैक्टर लेकर खेती करने के लिए निकल पड़ी, लेकिन, गांव वालों की रूढ़िवादी सोच ने उन्हें रोका तो सही लेकिन कुछ बिगाड़ नहीं पाए.
ऐसे में अगस्त के शुरुआती महीने में गांव वालों ने पंचायत बुलाई जहां भारी मात्रा में पुरुष और महिला जमा हुए. इस पंचायत के दौरान सबका यह कहना था कि आज तक कोई भी महिला खेती की जुताई करने नहीं निकली, यह नियम के विरुद्ध है और एक तरह का अपसगुन है, जिससे गांव में आकाल और महामारी फैल सकती है. जिसके तहत मंजू पर जुर्माना और माफी मांगने को कहा गया और अगर ये नहीं मानती हैं तो सामाजिक बहिष्कार का फरमान जारी किया गया.
इसी संदर्भ में मंजू ने गांव वालों को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि जहां आज बेटियां आसमान छू रही हैं, वहां अगर मैं ज़मीन पर रहकर खेती करना चाहती हूं, तो इसमें क्या गुनाह है? ये सब समझने की जरूरत गांव वालों को है मुझे नहीं और मैं अपना काम ऐसे ही बखूबी करती रहूंगी और निभाती रहूंगी.
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