आजकल जहां एक तरफ पानी की समस्या बरक़रार है, तो वहीं दूसरी तरफ किसानों के लिए ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई (Drip and sprinkler irrigation) एक वरदान है. जी हां, किसान इससे सिंचाई कर पानी की बचत (Water saving by irrigation) तो कर ही सकेंगे. इसके साथ ही उनकी उपज भी बेहतरीन होगी, क्योंकि इससे हर एक फसल को पर्याप्त और सही मात्रा में पानी मिलता रहता है.
हरियाणा बचा रहा 80 प्रतिशत तक पानी (Haryana is saving up to 80 percent water)
बता दें कि हरियाणा में किसानों ने ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई को अपनाकर 80 प्रतिशत तक पानी की बचत कर रहे हैं. और सिर्फ खेती में ही नहीं, हरियाणा विश्वविद्यालय परिसर भी इसकी मदद से पानी की खपत को कम कर रहा है.
खास बात यह है कि कुछ समय पहले ही एचएयू ने 135 एकड़ में आर्गेनिक फार्म की स्थापना की थी. इस फार्म में अनार, केला, पपीता, अमरूद के अलावा अन्य सब्जियों और फसलों की खेती जल संरक्षण को ध्यान में रखते हुए की जा रही है. सिर्फ इतना ही नहीं, कपास की खेती तक में यहां ड्रिप सिंचाई का इस्तेमाल किया जा रहा है.
आने वाले समय की मांग है ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई (Drip and sprinkler irrigation is the need of the hour)
साथ यह वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले समय में जल की खपत को देखते हुए ड्रिप सिंचाई और स्प्रिंकलर सिंचाई का इस्तेमाल हर एक खेत में होगा, क्योंकि इससे पानी तो बचता ही है साथ ही पैदावार भी गुणवत्ता वाली होती है. इसलिए इस सिस्टम को जितनी जल्दी अपना सकते हैं तो अपना लें.
यह भी पढ़ें: Micro Irrigation Scheme के तहत ड्रिप और स्प्रिंकलर लगाने के लिए मिलेगी सब्सिडी, कम होगी कृषि लागत
ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई से किसानों को होने वाले लाभ (Benefits to farmers from drip and sprinkler irrigation)
-
भारी मिट्टी को छोड़कर सभी प्रकार की मिट्टी के लिए उपयुक्त होता है.
-
50 से 80 प्रतिशत तक पानी की बचत करता है.
-
यह उपज बढ़ाने में मदद करता है साथ ही उच्च गुणवत्ता पैदावार के लिए सहायक है.
-
साथ ही यह मिट्टी के संघनन को कम करता है.
-
लहरदार भूमि के लिए उपयुक्त है.
-
पाले से सुरक्षा प्रदान करता है और सूक्ष्म जलवायु को बदलने में मदद करता है.
-
श्रम लागत को भी कम करता है.
-
100% भूमि उपयोग करता है.
-
ड्रिप सिंचाई कम दबाव पर काम करता है जिससे ऊर्जा की बचत (Energy Saving) होती है.
Drip And Sprinkler Irrigation किसानों को शरू में थोड़ी महंगी तो जरूर पड़ेगी, लेकिन एक बार जब यह लग जायेगा तो इससे उनको डबल कमाई के अवसर मिल सकेंगे. क्योंकि इससे फसलों की गुणवत्ता और पैदावार बढ़िया होती है.
Share your comments