लोकसभा चुनाव 2019 जितना नजदीक आ रहा है. राजनीतिक पार्टियां उतना ही लोक-लुभावन योजनाएं ला रही है. अभी हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से अंतरिम बजट पेश किया गया था. इस अंतरिम बजट में कई लोक-लुभावन योजनाओं की घोषाएं की गई थी. अब इसी कड़ी में तमिलनाडु की द्रमुक पार्टी ने अपने घोषणापत्र में छोटे और लघु किसानों के कृषि ऋण माफ करने का वादा करने के एक दिन बाद कहा है कि ‘राज्य के सभी वर्गों के किसानों को इसका लाभ मिलेगा. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, गठबंधन में शामिल दलों के नेताओं और किसानों के अनुरोध पर द्रमुक मुख्यालय ने कहा है कि इसके तहत ‘सभी किसानों का पूर्ण कृषि ऋण माफ किया जायेगा. यह केवल छोटे और लघु किसानों तक सीमित नहीं रहेगा.’
बता दे कि द्रमुक पार्टी ने 19 मार्च को जारी घोषणापत्र में संशोधन की घोषणा की है. किसानों का ऋण माफी सुनिश्चित करने के अलावा पार्टी प्रमुख एम के स्टालिन ने यह भी वादा किया कि उर्वरक और बीजों सहित खेती के काम आने वाली वस्तुओं पर भी सब्सिडी दी जायेगी. तो वही अन्नाद्रमुक ने भी अपने घोषणापत्र में कहा कि वह केंद्र से आग्रह करेगी कि देश में लघु और मझोले किसानों के ऋण को माफ करने के लिए सुदृढ़ नीति बनायी जाए.
गौरतलब है कि एक ओर जहां राजनीतिक पार्टियां कर्जमाफी जैसे मुद्दे पर चुनावी मैदान में उतरने जा रही है वही देश के कुछ किसानों का कहना है कि उन्हें कर्जमाफी का फायदा नहीं चाहिए बल्कि उन्हें उन्नत किस्म की बीज, रासायनिक खाद, कीटनाशक दवा, सिंचाई के लिए पानी की समुचित व्यवस्था के साथ सही समय पर कृषि कार्य करने के लिए आधुनिक कृषि यंत्र चाहिए. इससे न केवल कृषि विकास दर को गति मिलेगी बल्कि साथ ही हमारी आर्थिक स्थिति को भी मजबूती मिलेगी
किसान रघुवीर दांगी ( Raghuveer Dangi ) के मुताबिक, मैं एक किसान हूं. मैं सरकार से यही कहना चाहता हूं कि वह कर्ज माफी ना करें कोई कितना ही चिल्लाए कर्जमाफी ना करें. कर्ज माफी से हम पर बोझ बढ़ेगा बोझ बढ़ेगा, खाद के दाम बढ़ेंगे, डीजल के दाम बढ़ेंगे, पेट्रोल के दाम बढ़ेंगे फिर सब्जियों के दाम बढ़ेंगे. इससे महंगाई बढ़ेगी और अगर नहीं बढ़ी तो देश पीछे चला जाएगा. फसलों के दाम नीचे पहुंच जाएंगे. ईमानदार किसान कभी चोरी नहीं करता कर्ज माफी का इंतजार करता है सिर्फ उसे कर्ज माफी से हटकर उसे विकास चाहिए. किसानों का डेवलपमेंट चाहिए जो नदियों में स्टॉप डेम के जरिए होगा और हर गांव में सड़कों द्वारा जोड़ा जाए उसके जरिए होगा. हर गांव में बैंक एटीएम का निर्माण कराए सरकार इससे किसान अपने दम पर कर्ज माफी खुद कर लेगा. ज्यादा जरूरत किसान को डिजिटल बनाना जरूरी है ना की कर्ज माफी.
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