आईएसीआर पूसा (डीकेएमए) के प्रोजेक्ट डारयेक्टर डॉ. एस.के मल्होत्रा ने आज कृषि जागरण के केजे चौपाल में शिरकत की. कृषि जागरण के फाउंडर एवं एडिटर इन चीफ ने पहले डॉ. मल्होत्रा को कृषि जागरण के ऑफिस का भ्रमण करवाया, जिस दौरान उन्होंने कृषि जागरण के स्टॉफ से वर्तालाप भी किया.
केजे चौपाल में अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में हर जगह किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके लिए किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और समाज को कृषि के प्रति जागरूक होने की जरुरत है. इसके साथ आईसीएआर के परियोजना निदेशक डॉ. एस.के. मल्होत्रा ने टीम के साथ कई जानकारियां साझा की.
उन्होंने कहा कि कृषि और बागवानी क्षेत्र समाज के बहुत महत्वपूर्ण अंग हैं और हम सभी को उनके कल्याण के लिए काम करना चाहिए. कृषि से संबंधित अधिक से अधिक जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने के लिए हर किसी को मिल कर काम करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि कृषि जागरण मीडिया जो इस तरह का काम कर रही है वह वाकई काबिले तारीफ है. इस तरह का वर्किंग एनवायरमेंट मैंने आज तक कहीं नहीं देखा, जहां पर इतने सारे नौजवान एक साथ काम कर रहे हैं. कृषि जागरण, किसी अन्य मीडिया के विपरीत, किसानों और कृषि क्षेत्र की बेहतरी के लिए काम करने वाला मीडिया वास्तव में एक सराहनीय कार्य है.
उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि कॉलेज के शुरुआती दिनों में जब वह कॉलेज गए तो सभी बच्चों में कुछ न कुछ कहने को कहा गया . तब उन्होंने कहा कि “डाली- डाली पर मैंने नजर डाली, पर अफसोस जिस डाली पर मैंने नजर डाली वह डाली माली ने काट डाली".
जनवरी पत्रिका प्रबंधन
कृषि जागरण आने वाले जनवरी में पूरी तरह से बाजरा के बारे में एक पत्रिका निकालने की योजना बना रही है, जिसे पूरी तरह से डॉ. एस.के. मल्होत्रा संभालेंगे.
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कृषि मॉडल की नियमावली लाने का सुझाव
कृषि और किसानों के लाभ के लिए विभिन्न प्रकार के मैनुअल, किताबें और पत्रिकाएं लाई जानी चाहिए. मीडिया, वैज्ञानिकों, कृषि अधिकारियों और लोगों को पशुधन पालन, पशुधन प्रबंधन, बागवानी, हल्की खेती, जैविक खेती, हाथ उद्यान, उर्वरक तैयारी आदि पर उपयोगी जानकारी के साथ एक पुस्तिका लाने का प्रयास करना चाहिए.
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