डेयरी सहकारी समितियों की सर्वोच्च संस्था, नेशनल कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनसीडीएफआई) ने 5 अप्रैल, 2024 को हुए अपने बोर्ड चुनावों में सर्वसम्मति से डॉ. मीनेश शाह को अपना अध्यक्ष चुना है. इससे पहले, एनसीडीएफआई ने 4 अप्रैल, 2024 को आयोजित अपनी आम सभा की बैठक में बोर्ड में आठ निदेशकों को निर्विरोध चुना था, जिनमें डॉ. मीनेश शाह- झारखंड मिल्क फेडरेशन, डॉ. मंगल जीत राय- सिक्किम दुग्ध संघ, शामलभाई बी. पटेल- गुजरात मिल्क फेडरेशन, रणधीर सिंह- हरियाणा मिल्क फेडरेशन, के.एस.मणि- केरल मिल्क फेडरेशन, बालचंद्र एल. जराकीहोली- कर्नाटक दुग्ध महासंघ, नरिंदर सिंह शेरगिल- पंजाब मिल्क फेडरेशन और समीर कुमार परिदा- वेस्ट असम मिल्क यूनियन. इन निर्वाचित निदेशकों के अलावा, एनडीडीबी के कार्यकारी निदेशक, श्री एस. रेगुपति, एनसीडीएफआई के बोर्ड में नामित निदेशक हैं.
इसके बाद, नवगठित बोर्ड की 05 अप्रैल, 2024 को बैठक हुई और डॉ. मीनेश शाह को अध्यक्ष चुना गया. एनसीडीएफआई के एमडी श्रीनिवास सज्जा ने बताया कि एनसीडीएफआई के नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ. मीनेश शाह अपने साथ राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी), मदर डेयरी जैसे कई प्रतिष्ठित संस्थानों के अध्यक्ष होने का व्यापक अनुभव और विशेषज्ञता लेकर आए हैं.
आईडीएमसी, इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड (आईआईएल), नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल), एनडीडीबी डेयरी सर्विसेज (एनडीएस), इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट (आईआरएमए), एनडीडीबी सीएएलएफ, एनडीडीबी एमआरआईडीए, आनंदालय, झारखंड मिल्क फेडरेशन, वेस्ट असम मिल्क यूनियन, आदि. इसके अलावा, डॉ. मीनेश शाह इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन (आईडीएफ) के बोर्ड में निदेशक के रूप में भी कार्यरत हैं.
डॉ. मीनेश शाह को लंबे समय से डेयरी सहकारी क्षेत्र में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका और महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है, जिससे वर्षों से विकास और स्थिरता को बढ़ावा मिला है. डॉ. मीनेश शाह की नियुक्ति देश भर में डेयरी किसानों और विभिन्न हितधारकों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से एनसीडीएफआई की विभिन्न पहलों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देगी. एनसीडीएफआई में उनका नेतृत्व निश्चित रूप से डेयरी उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए डेयरी समुदाय के भीतर मजबूत सहयोग को बढ़ावा देगा.
डॉ. मीनेश शाह ने दिए गए इस अवसर और जिम्मेदारी के लिए आभार व्यक्त किया और एनसीडीएफआई के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने और डेयरी और संबद्ध क्षेत्र में सहकारी ढांचे की केंद्रीयता को मजबूत करते हुए देश भर में इसकी गतिविधियों और पहुंच को व्यापक बनाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया.
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