हम हमेशा से देखते आ रहे है, कि किसान सरकारी योजनाओं का लाभ नही उठा पाता है या यूँ कहें कि उन्हें पता ही नहीं है कि सरकारी योजनाओं का लाभ कैसे उठाना है. किसके पास जाकर फॉर्म भरें, सब्सिडी का लाभ कैसे प्राप्त कर सकते है. सोलर पम्प, ट्रैक्टर, पॉवरटीलर, पम्प, डीजल पम्प, मोटर, दवा छिडकने वाली मशीन, थ्रेसर, इत्यादि कैसे पर्याप्त कर सकते हैं.
आज आप सभी किसान भाई को सरकारी योजनाओं के बारे में बताते हैं. जितनी भी तरह के मशीनरी पार्ट या मशीन है जिस पर सरकार सब्सिडी देता है उन सभी का लाभ आपको कैसे मिल सकता है.
सबसे पहले फॉर्म कैसे भरें ?
देश के सभी जिले के किसानों के लिए यह जानना जरुरी है की सभी मशीन का फार्म ऑनलाइन हो चुका है. किसान सबसे पहले कुछ दस्तावेज एकत्र कर लें. जैसे खसरा नंबर, पहचान पत्र, जाति प्रमाण पत्र (अगर आप कोटे से हैं तो) फोटो, बैंक एकाउंट आदि. यह सभी लेकर नजदीकी इन्टरनेट की दुकान पर जाकर जिस दुकान से सभी तरह का फार्म भरा जाता है उस दुकान वाले से कहें कि मेरा फॉर्म भर दें. दुकानदार आप का फॉर्म कुछ फीस लेकर भर देगा.
आपको फार्म में दो बातों पर ध्यान देना बहुत जरुरी है:
पहला आप कौन सी मशीन लेना है.
दूसरा कि मशीन किस कम्पनी की लेनी है.
अगर आप ऑनलाइन काम कर लेते हैं तो आप घर से ही फॉर्म भर सकते हैं.
अगर किसान दोनों तरह से फार्म भरने में नाकाम है तो कोई बात नहीं तीसरा तरीका भी है. किसान सबसे पहले यह तय करे कि उसे क्या लेना है. फिर सभी दस्तावेज लेकर नजदीक के उस कम्पनी के एजेंसी या डीलर के पास पहुँच जाएँ जिस कम्पनी का मशीन खरीदना है और उसे बतायें कि मुझे यह मशीन खरीदना है सरकारी सब्सिडी पर. वह एजेंसी आप का फार्म भर देगी या अपने पास के दुकान पर भेज देगा. जंहा पर इस तरह का फार्म भरा जाता है.
सबसे अच्छा तरीका यही रहेगा की किसान अपने पास के एजेंसी या डीलर के पास जाकर अपनी फार्म को भरें. जिससे डीलर आप को सहायता करेगा.
फार्म भरने के बाद क्या करें ?
जैसे ही आप अपना फार्म भरते है वह फार्म सरकारी कार्यालय के पास पहुँच जायेगा. अब आप के द्वारा माँगा गया मशीन या कोई और समान पर कार्यालय में बैठा व्यक्ति उस पर विचार करेगा. आप को यह भी याद रखना चाहिए की कोई भी सब्सिडी की मशीन पहले आओ तथा पहले पाओं पर निर्भर करता है. इस लिए आप जल्द से अपना फार्म भरें. सरकारी कार्यालय में बैठा अधिकारी आप के फार्म पर विचार कर के यह तय करेगा की मशीन आप को दिया जायेगा की नहीं. कार्यलय से आप को मशीन देने के लिए फार्म को स्वीकृत कर लिया जाता है तो आप को रिटन फार्म का एक कॉपी ऑनलाइन भेजेगा. आप उस कॉपी का प्रिंट निकल लें.
अब आगे क्या करें ?
किसान नजदीकी डीलर या एजेंसी के पास जाकर अपना सरकारी कागज दिखाएँ. उस कागज पर एक सरकारी कोटेशन लिखा रहेगा. जिसमें मशीन का कुल कीमत, सरकार के द्वारा सब्सिडी तथा आप को कम्पनी को कितना पैसा देना है, डीलर आप को एक कम्पनी का बैंक एकाउंट देगा जिसमें आप अपना हिस्सा जमा कर दे. कम्पनी सब्सिडी का पैसा सरकार से ले लेगी.
आप इस नियम को इस तरह समझें अगर कोई मशीन 1 लाख रूपये की है. और सरकार का सब्सिडी 40% है. तो आप को 60% पैसा कम्पनी या डीलर को देना होगा. इसका मतलब यह हुआ की किसान को 1 लाख की मशीन में 60,000 रु. डीलर के पास जमा करना होगा तथा कम्पनी 40,000 रु. सरकार से ले लेगी. आप अपना हिस्सा देने के बाद डीलर से मशीन घर ले जा सकते है.
किसान भाइयों हमे आशा है कि यह जानकारी आपको पसंद आई होगी, कृपया हमें कमेन्ट में अपने सुझाव दे जिससे कि हम आपके लिए आगे भी इस तरह की जानकारी ला सकें.
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