जहां सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई बेहतरीन योजनाएं समय-समय पर लॉन्च करती रहती है, जिससे किसान भाइयों को किसी भी परेशानी का सामना ना करना पड़े. लेकिन वहीं देश में दिन पर दिन बढ़ती महंगाई ने अब किसानों की जेब पर भी अपना असर डालना शुरू कर दिया है.
आपको बता दें कि देश में उर्वरकों का संकट अब किसानों को डराने लगा है. जैसे कि आप सब लोग जानते हैं रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में कई चीजों के दाम बढ़ रहे हैं. इसका सबसे अधिक असर फॉस्फेटिक और पोटेशियम उर्वरकों (Phosphatic and potassium fertilizers) की आपूर्ति पर देखने को मिल रहा है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार देश में लगभग 25-30 लाख टन डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी), पांच लाख टन म्यूरेट ऑफ़ पोटाश (एमओपी) और 10 लाख टन नाइट्रोजन, फॉस्फोरस ,पोटाश और सल्फर के जटिल उर्वरकों (एनपीकेएस) का अनुमान लगाया जा रहा है. लेकिन देश में अकेले खरीफ सीजन की फसल (Kharif season crop) में डीएपी की खपत करीब 50 लाख टन की जाती है.
खाद की कीमत (cost of manure)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, अंतरराष्ट्रीय बाजार (International market) में उर्वरक यूरिया की कीमत लगभग 1,200 डॉलर प्रति टन तक है और वहीं डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) के लिए आवश्यक फॉस्फोरिक एसिड की कीमत लगभग 2,025 डॉलर प्रति टन है. मिली जानकारी के मुताबिक, वर्तमान समय में देश में लगभग 30 लाख टन तक डीएपी का स्टॉक मौजूद है. साल 2022 में खाद कंपनियों ने डीएपी की कीमत लगभग 1350 रुपए तक प्रति बैग कर दिया है. देखा जाए तो बाजार में इस समय डीएपी का बिक्री मूल्य 27 हजार रुपये प्रति टन मिल रहा है. जिससे अब किसानों को यह खरीदने में बहुत परेशानी हो रही है.
यूरिया की कीमतों में नहीं हुई वृद्धि (Urea prices did not increase)
बताया जा रहा है कि यूरिया खाद को छोड़ अन्य सभी उर्वरकों के दाम में लगातार वृद्धि की जा रही हैं. बाजार में अभी तक यूरिया की कीमत (price of urea) प्रति 45 किलो बैग लगभग 266.50 रुपये तक है और इफको डीएपी की कीमत वृद्धि के साथ बाजार में लगभग 1350 रुपए मिल रही है. बात करें पोटाश की कीमत (potash price) की तो जहां पहले पोटाश की कीमत 1 हजार रुपए थी. वहीं अब इसकी नए कीमत 1650 रुपए है.
देश में खाद की किल्लत (Fertilizer shortage in the country)
देश के कई शहरों में खाद की किल्लत (shortage of manure) लगातार बढ़ती जा रही है. हरिद्वार जिले में खाद की किल्लत सबसे अधिक है और वहीं कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के लगभग 16 जिलों में यूरिया सहित कई खाद के दाम लगातार आसमान छू रहे हैं.
जहां एक तरफ बिहार मुजफ्फरपुर में उर्वरक बढ़ती कीमतों के कारण जिले में पोटाश की भारी कमी भी देखने को मिल रही है. वहीं उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और बरेली में खाद की कीमतें बढ़ने से किसान भाई काफी अधिक परेशानी में दिखाई दे रहे हैं.
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