पिछले साल के मुकाबले इस साल गया जिले में मिर्च की उपज अच्छी हुई है. लेकिन किसानों के चेहरे पर न तो किसी तरह का आनंद है और न ही उन्हें कमाई की आशा है. लॉकडाउन की वजह से जहां हर क्षेत्र इस समय घाटे में चल रहे हैं, वहीं मिर्च की खेती करने वाले किसानों को भी नुकसान हो रहा है. हालत यह है कि औने-पौने दाम में किसान अपनी उपज बेचने को मजबूर है.
गाजीपुर जनपद की भी हालत खराब
कुछ इसी तरह का हाल मिर्च की खेती करने के लिए प्रसिद्ध गाजीपुर जनपद का भी है. लॉकडाउन के कारण रखी हुई उपज भी सड़ रही है. यहां किसानों को सरकार से भी किसी तरह की उम्मीद नहीं है, क्योंकि प्रदेश में मिर्च को फसल बीमा योजना के अंतर्गत नहीं रखा गया है.
बाजार में पसरा हुआ है सन्नाटा
लॉकडाउन को अब लगभग खोल दिया गया है, लेकिन फिर भी मार्केट में सन्नाटा पसरा हुआ है. अकेले गाजीपुर जिले में अब तक 167 से अधिक कोराना के मामले सामने आ चुके हैं, जिसका नुकसान मिर्च के किसानों को हो रहा है.
मिर्च की डिमांड घटी
कई कारणों से मिर्च की मांग भी बहुत घट गई है. इसका सबसे बड़ा कारण है लंबे समय से लॉकडाउन में लोगों का घरों में होना. मार्केट विशेषज्ञों का मानना है कि लोग लंबे समय से घरों में बंद हैं. बाहरी गतिविधियों पर पाबंदी लगी हुई है, जिस कारण लोग पाचन संबंधी बीमारियों से बचने के लिए इसका कम उपयोग कर रहे हैं.
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