हरियाणा के किसानों के लिए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है. प्रदेशभर में फिलहाल के मौसम को देखते हुए मौसम विभाग ने किसानों के लिए एग्रो मेट एडवाइजरी जारी करते हुए कई जरूरी सलाह भी दी है.
General Agromet Advisory जारी करते हुए मौसम विभाग ने कहा है कि फिलहाल चल रहे परिवर्तनशील और शुष्क मौसम की संभावना के कारण किसान अपनी फसलों में आवश्यकता के अनुसार सिंचाई, उर्वरक और कीटनाशकों का प्रयोग कर सकते हैं.
फसल परामर्श और पौध संरक्षण (Crop Advisories and Plant Protection)
कपास(Cotton)
इस एडवाइजरी के मुताबिक, किसानों को कपास फसल की बुवाई को पूरी करने की सलाह दी है.
बुवाई के दो से तीन सप्ताह के बाद किसानों को सलाह दी जाती है कि पौधों की पंक्तियों में अनुशंसित दूरी (recommended space) को ध्यान में रखते हुए सभी अनावश्यक रोगग्रस्त/कीट प्रभावित और कमजोर पौधों को हटा दें.
हरा चना(Green Gram)
किसानों को सलाह दी जाती है कि वे हरे चने की फसल में बुवाई के 20-25 दिनों के बाद आवश्यक सिंचाई करें और उसके बाद 10-15 दिनों के अंतराल पर इसे दोहराएं.
उन्हें यह भी सलाह दी गई है कि पहली निराई-गुड़ाई, बुवाई के 20-25 दिनों के बाद और दूसरी बुवाई के 30-35 दिनों के बाद करें.
बागवानी विशिष्ट सलाह (Horticulture Specific Advisory)
मिर्च (Chilli)
इस मौसम में किसान मिर्च की फसल की नर्सरी लगा सकते हैं.
नर्सरी उगाने का उपयुक्त समय मई से जून है और 30-35 दिनों के बाद यह रोपाई के लिए तैयार हो जाती है.
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लाइव स्टॉक विशिष्ट सलाह (Live Stock Specific Advisory)
भैंस (Buffalo)
पशुओं को पर्याप्त मात्रा में चारा और ताजा पीने का पानी पिलाना चाहिए.
यदि पशुओं को पैर, मुंह की बीमारी और ब्लैक क्वाटर रोग के खिलाफ टीका नहीं लगाया गया है, तो जल्दी से इसे लगवा दें.
गाय(Cow)
डेयरी उत्पादकों को सलाह दी जाती है कि वे दुग्ध उत्पादन और डेयरी पशुओं के शरीर की गर्मी को बनाए रखने के लिए पशुओं को पर्याप्त मात्रा में चारा खिलाएं.
शरीर के तापमान को बनाए रखने के लिए दुधारू पशुओं को तेल की खली और गुड़ का मिश्रण खिलाना चाहिए. पशुओं को पर्याप्त संतुलित चारा और पीने के लिए ताजा पानी दिया जाना चाहिए. किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने पशुओं को छाया में रखें.
मच्छरों, मक्खियों आदि की जनसंख्या में वृद्धि हो रही है, उनके कारण होने वाली बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए उचित देखभाल की आवश्यकता है.
यदि पशुओं को अभी तक एफएमडी (FMD),ब्लैक क्वार्टर (Black Quarter), एंटरोटॉक्सिमिया (Enterotoxaemia) का टीका नहीं लगाया गया है, तो इसे अभी ही करवा लें.
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