लॉकडाउन के कारण इस समय हजारों लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है. यूं तो इससे सभी राज्यों का हाल बेहाल है, लेकिन सबसे अधिक दुर्दशा यूपी-बिहार जैसे राज्यों की हो रही है. यहां के हजारों दिहाड़ी मजदूरों एवं प्रवासी लोगों का जीवन सड़क पर आ गया है. इनके पास न तो खाने के पैसे हैं और न ही रहने को घर. हालांकि बिहार और उत्तर प्रदेश की सरकार लगातार सहायता की कोशिश कर रही है.
इस संकट की घड़ी में लोगों को मुसिबत का सामना न करना पड़े, इसके लिए अब बिहार सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है. अब उन लोगों को भी तत्काल हजार रूपए की सहायता मुहैया कराने का निर्णय लिया गया है, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. ऐसे लोगों को जीविका समूह के सर्वे के आधार पर सहायता राशि दी जाएगी.
इस बारे में राज्य के सूचना सचिव अनुपम कुमार ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि जीविका समूह ने ऐसे 9 लाख 70 हजार परिवारों की पहचान कर ली है, जिन्हें सहायता की जरूरत है. इस मुद्दे पर तेजी से काम किया जा रहा है. बहुत जल्दी ही जरूरतमंदों को सरकार सहायता राशि देगी.
वैसे बता दें कि दिहाड़ी मजदूरों को काम की दिक्कत न आए, इसके लिए कृषि विभाग अपनी तरफ से हर संभव सहायता कर रही है. आने वाले दिनों में ऐसे लोगों को राज्य में ही रोजगार देने की तैयारी चल रही है. वहीं बिहार सरकार आने वाले दिनों में कृषि एवं बागवानी कार्यों के अलावा, सड़क निर्माण और भवन निर्माण में प्रवासी मजदूरों की सहायता लेने का विचार कर रही है, जिससे राज्य में ही उन्हें रोजगार मिल सके.
बता दें कि बिहार में कोरोना वायरस से संक्रमण के 17 नए मामले सामने आ चुके हैं. इस समय राज्य में कोरोना पीड़ितो की संख्या 126हो गई है. राज्य में सबसे पहला कोरोना का केस 22 मार्च को सामने आया था.
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