अब बहुत ही जल्द खेतों से सीधे आपके घर पर फल और सब्ज़ियों की होम डिलीवरी की जाएगी. यह शानदार सेवा अमेज़न आपके लिए लेकर आने वाला है. अमेज़न रिटेन इंडिया (Amazon Retain India) ने पुणे में एक पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की है. इस प्रोजेक्ट के तहत अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी ने "फार्म टू फोर्क" की पहल की है. इस तरह पहली बात कंपनी किसानों से सीधे उत्पाद खरीदने की योजना बना रही है.
'कोल्ड चेन हब' से सप्लाई होंगे उत्पाद
खाद्य खुदरा उद्यम क्षेत्र में अमेज़ॅन रिटेल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (ARIPL) दर्जनों किसानों के साथ काम कर रहा है. कंपनी ने किसानों द्वारा तैयार किये गए उत्पादों को स्टोर करने के लिए क्षेत्र में कोल्ड चेन हब (cold chain hub) भी तैयार किये हैं. कोल्ड चेन से ही ताज़ा सब्जी और फल कंपनी के अमेज़न फ्रेश और अमेज़न पैंट्री के ज़रिए ऑनलाइन डिलीवर किये जायेंगे.
रिपोर्ट्स की मानें तो बहुराष्ट्रीय कंपनी की योजना सफल होने के बाद देश में इसका विस्तार किया जाएगा. फिलहाल अमेज़न इस समय कई अलग-अलग मंडियों के ज़रिए थोक विक्रेताओं से फल और सब्ज़ियां लेता है. वहीं अमेज़न प्रवक्ता ने इस सम्बन्ध में कहा है, "हम किसानों और सरकारी निकायों के साथ मिलकर तकनीक में निवेश करके एक स्थायी फार्म-टू-फोर्क मॉडल (farm-to-fork model) तैयार करने में लगे हुए हैं."
वहीं अमेज़न इंडिया (Amazon India) के हेड अमित अग्रवाल ने पिछले हफ्ते ही एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान बताया, "किराना (grocery) एक प्राथमिकता है जिसे हम बेहतर बनाकर इसका विस्तार करना चाहते हैं." उन्होंने बताया कि खाद्य और ग्रॉसरी भारत के खुदरा बाजार का सबसे बड़ा हिस्सा हैं. ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ संगठित खुदरा विक्रेताओं के विकास में भी कंपनी अपना योगदान देने की कोशिश में लगी हुई है.
एक्सिस कैपिटल (Axis Capital) की रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी ने खुदरा विक्रेताओं के लिए भारत के सालाना $ 580 बिलियन खाद्य और किराने के बाजार में $ 25 बिलियन का आयोजन किया. इसके साथ ही साल 2024 तक इसे लगभग 69 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने की उम्मीद की जा रही है. Amazon India Head का कहना है कि ARIPL को खाद्य खुदरा बिक्री सहायक में $ 500 मिलियन का निवेश करने के लिए सरकार की मंजूरी मिली है. यह अमेज़न को स्थानीय स्तर पर उत्पादित खाद्य पदार्थों को संरक्षित करने और बेचने की अनुमति देता है.
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