छत्तीसगढ़ की राजधानी में 15 से 17 नवंबर तक ग्रामीण कृषि मौसम सेवा राष्ट्रीय परियोजना की 11वीं वार्षिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया जा रहा है। देशभर के 127 मौसम केंद्रों के लगभग 200 से अधिक वैज्ञानिक इसका हिस्सा होंगे। राज्य के कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल बुधवार को दोपहर 3 बजे रायपुर स्थित कृषि महाविद्यालय के स्वामी विवेकानंद सभागार में इस बैठक का शुभारंभ करेंगे।
कृषि विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी संजय नैय्यर ने बताया कि समीक्षा बैठक में देश के 127 मौसम केंद्रों के 200 से अधिक वैज्ञानिक शामिल हो रहे हैं। भारत शासन की ओर से वर्षा की भविष्यवाणी के आधार पर कृषकों को समसामयिक कृषि जानकारी प्रदान करने के लिए महत्वाकांक्षी परियोजना ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के नाम से शुरू की गई है, जो पूरे भारत में 127 कृषि जलवायु इकाई में कृषि विश्वविद्यालयों के माध्यम से संचालित हो रही है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के तीनों कृषि जलवायु क्षेत्रों में यह परियोजना संचालित है। इस परियोजना के माध्यम से किसानों को मौसम आधारित कृषि मौसम सलाह सेवाएं पहुंचाने का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य के कृषकों को अगले 5 दिनों के लिए मौसम आधारित कृषि सलाह सेवाएं मिल रही हैं। नैय्यर के मुताबिक, विस्तृत तकनीक एवं सूचना यंत्रों का उपयोग करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के 14 लाख अधिक किसानों को उनके मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से मौसम की जानकारी और कृषि सलाह दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य देश का ऐसा राज्य है, जहां कृषि मौसम वेधशालों का विस्तृत नेटवर्क है। यहां 16 मौसम वेधशालाएं क्रियाशील हैं तथा तीन अन्य केंद्रों पर मौसम वेधशालाएं स्थापित करने का कार्य प्रगति पर है। रायपुर केंद्र की उपलिब्धयों को देखते हुए 14 दिसंबर 2016, को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की रायपुर इकाई को उड़ीसा कृषि महाविद्यालय, भुवनेश्वर में आयोजित कृषि मौसम सलाह सेवाओं की दसवीं वार्षिक समीक्षा बैठक में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
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