सेना में जवानों की भर्ती का किस्सा बहुत पुराना है. देश के हर युवा का सपना होता है देश की सेवा करने का लेकिन मौका बहुत कम को मिल पाता है. इसी कड़ी में केंद्र सरकार में जवानों की पुरानी प्रक्रिया को खत्म करते हुए यह साफ स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें अब सेना की भर्ती में भी जरुरत के हिसाब से सुधार चाहिए.
इस बदलाव के बाद अब जवानों की नौकरी पहले जैसी नहीं रह जाएगी. जवानों की भर्ती अब “अग्निपथ प्रवेश योजना” (Agnipath Entrance Scheme) के तहत की जाएगी. जहाँ महज 4 साल के बाद ही जवानों को रिटायरमेंट दे दिया जाएगा. महज 25% जवानों को उनके बेहतर सेवा को देखते हुए स्थायी तौर पर शामिल किया जाएगा.
अग्निपथ स्कीम में किए गए बदलाव (Changes made in Agnipath Scheme)
सरकार द्वारा किये गए इस बदलाव को लेकर बहुत बड़ा सवाल खड़ा हो गया जिसको लेकर केंद्र ने अग्निवीर सैनिकों के सेवानिवृत्त होने के बाद उनको मिलने वाले रोजगार के कई अवसरों की संभावनाओं को रेखांकित किया. इनमें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, सुरक्षा बालों जैसी नौकरियां मुख्य रूप से शामिल हैं.
अग्निवीर होगा भर्ती प्रक्रिया का नाम (Agniveer recruitment process)
सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ योजना’ (Agneepath Scheme) की मंगलवार को घोषणा की थी. अनुमान लगाया जाए तो अगले चार वर्षों में एक लाख चौरासी हजार अग्निविरों की भर्ती हो जाएगी और इनमे हर साल साधे ग्यारह हजार जवानों को सेवा में स्थायी तौर पर शामिल किया जाएगा.
सरकार ने इस बदलाव के पीछे का मुख्य कारण पेंशन में जाने वाले राशि को बताया है. सरकार का कहना है कि हर साल रक्षा के लिए आवंटित किए गये राशि का एक बड़ा हिस्सा सेना के पेंशन का भुगतान करने में चला जाता है. जिस वजह से किसी प्रकार का कोई आधुनिकीकरण नहीं हो पा रहा है.
अग्निपथ योजना को लेकर क्या है राज्य सरकारों का बयान (State governments regarding Agnipath scheme)
केंद्र सरकार द्वारा किए गए इस बदलाव को प्रभावी बताते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किए गए सैनिकों को मध्यप्रदेश पुलिस की भर्ती में वरीयता दी जाएगी. गृह मंत्रालय के इस फैसले से प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में ‘अग्निपथ’ योजना के तहत प्रशिक्षित युवा देश की सेवा एवं सुरक्षा में आगे भी योगदान दे पाएंगे. केंद्र सरकार ने ट्वीट कर बताया कि इस फैसले पर विस्तृत योजना तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है. मध्य प्रदेश सरकार ने इस योजना का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे जवान जो अग्निपथ योजना में सेवाएं दे चुके होंगे, उन्हें मध्यप्रदेश पुलिस की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी.
अग्निवीर जवानों की क्या होगा वेतन (Salary of Agniveer jawans)
वेतन को लेकर सभी के मन में उत्शुकता लगी रहती है. इस योजना के तरह अगर पैसों की बात कि जाए तो पहले साल में अग्निवीर को तीस हजार रुपए प्रतिमाह मिलेंगे.
हालाँकि यह पैसा बढ़ते-बढ़ते चौथे साल में चालीस हजार हो जाएगा. वहीँ इस वेतन का तीस फिसद हिस्सा अग्निवीर कोर फण्ड में जमा कर दिया जाएगा जो जवानों को सेनावृत्ति पर दिया जाएगा.
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