टोहाना खंड का छोटा सा गांव है डांगरा। यहां के किसान अनिल कुमार ने जबसे परंपरागत खेती को छोड़कर बागवानी का रूख किया है उनकी आमदनी करीब पांच गुना बढ़ गई है। अनिल के पास दो एकड़ जमीन है। इसमें उन्होंने अमरूद के करीब 120 पेड़ लगाए हैं। एक पेड़ से साल भर में करीब एक किवंटल तक अमरूद मिल जाते हैं।
खेती छोड़ बागवानी का बनाया मन...
- अनिल कुमार ने बताया कि वह 2002 से खेती कर रहा है लेकिन 2014 में जब एग्रो भास्कर में बागवानी के बारे में लेख पढ़ा तो उसने भी बागवानी करने का मन बनाया।
- उसने बताया कि उसके पास मात्र दो एकड़ जमीन है। जिस पर वह धान, ज्वार आदि की बिजाई करता था। इससे उसे करीब 60 हजार रुपए की आमदनी होती थी। इससे परिवार का पालन-पोषण तो हो जाता था, लेकिन जो उसके सपने थे उसे वह पूरा नहीं कर पाता था।
- बकौल अनिल 2014 में उसने बागवानी शुरू की। अब वह अमरूद, भिंडी, मिर्च व मूली आदि की खेती कर रहा है। इससे सालभर में करीब तीन लाख रुपए तक आमदनी हो जाती है।
- अनिल का कहना है कि अन्य किसानों को भी परंपरागत फसलों के साथ-साथ बागवानी भी अपनानी चाहिए।
- हमें खेत में सभी फसल उगानी चाहिए, ताकि सालभर आमदनी मिलती रहे। इससे किसानों को कर्ज नहीं लेना पड़ेगा।
एक पेड़ से एक क्विंटल अमरूद
- किसान अनिल ने बताया कि उसने अपने खेत में लखनऊ 49 किस्म के अमरूद के पेड़ लगाए हैं।
- यह काफी अच्छी किस्म व काफी बड़े साइज का अमरूद होता है। इसे उसने उत्तर प्रदेश से मंगवाया तथा अपने खेत में अमरूद के करीब 120 पेड़ लगाए हैं।
- उसने बताया कि तीन साल के बाद फसल ली जाती है उसे अगले साल से अमरूद का फल मिलेगा।
- एक पेड़ से साल भर में करीब एक क्विंटल तक अमरूद मिल पाएगा। अच्छे किस्म का अमरूद होने से उसे सही दाम मिलेंगे। इसके अलावा भिंडी व मिर्च से भी अच्छी आमदनी होगी।
साभार
दैनिक भास्कर
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